गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फैसला किया है कि देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। यूजीसी का कहना है कि यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) शिक्षा के ‘समानीकरण’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यूजीसी का कहना है कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में प्रदर्शन के आधार पर भारत भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। यूजीसी का यह भी कहना है कि समान अवसर प्रदान करने की मंशा से 13 भाषाओं हिंदी, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, उड़िया, असमिया, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेजी में यह परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इस इससे भी सभी क्षेत्र और वर्गो के छात्रों को समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
यूजीसी के अनुसार कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन प्रक्रिया अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह में शुरू होगी। जुलाई 2022 के पहले सप्ताह में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षाओं के लिए एग्जाम का पैटर्न इस प्रकार का रखा गया है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न एमसीक्यू होंगे। यह परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। पहली शिफ्ट में उम्मीदवार अपनी पसंद की एक भाषा और अपने पाठ्यक्रम के आधार पर दो विषयों के साथ सामान्य परीक्षा देंगे। वहीं, दूसरी शिफ्ट में, छात्र शेष चार डोमेन-स्पेसिफिक विषयों के साथ-साथ फ्रेंच, अरबी, जर्मन आदि वैकल्पिक भाषा की परीक्षा देंगे। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कि यह पूरी परीक्षा एनसीईआरटी परीक्षा के कक्षा 12वीं के सिलेबस पर आधारित होगी।