आज दोपहर बाद हुए काव्य समारोह में कोरोना काल पर प्रयागराज की रष्मि ने- सबकी विपदा हर लो मदन गोपाल…रचना सुनायी। मुजफ्फरपुर की डा.सोनी ने वर्षा ऋतु पर गीत- बारिष की बूंदे सुनाया। लखनऊ के षिवा षुक्ला ने भी इसी संदर्भ को आगे बढ़ाते हुए कहा- नवाबों की बस्ती में ये कैसा कहर है। लखनऊ की ही अर्चना जुत्षी ने अपनी प्रिय सखी पर एक कविता कहने के साथ देषभक्ति की रचना पढ़ी। इसके साथ ही प्रखर कात्यायन, भारती, सुहृदया, रमाषंकर नेगी, अहिल्या विकट आदि अन्य रचनाकारों ने भी रचनाएं सुनाईं।
प्रतियोगिता संयोजक ज्योति किरन रतन ने बताया कि टाप फाइव प्रतिभागियों का परिणाम कल आनलाइन जारी किया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को ई’प्रमाणपत्र जारी किये जा रहे हैं।
आज हुई नृत्य प्रतियोगिता में तनुश्री पाण्डा ने परम्परागत षिवस्तुति पर ओडसी नृत्य की भाव भरी प्रस्तुति दी। नन्दिनीषर्मा ने- तुझमें रब दिखताहै गीत पर नृत्य किया तो प्रणय ने- ओ मेरी जमीं ,गीत पर नृत्य किया। इसके संग ही शिवन्या गुप्ता ने- दो तोले की मुंदरी ला दे, संस्कृति ने- मोरे बंसी बजैया., सुकृति ने- नमो नमो षंकरा, नव्या वाष्र्णेय ने- मेरा लाल गजरा, प्रिया सिंह ने- तलवारों पर दिल वार दिए . आदि ने फिल्मी गीतों पर नृत्य किया। समापन दिवस चित्रकला प्रतिभागी अनुश्री पाण्डा ने अपनी चित्र कृति का विवरणात्मक प्रदर्षन किया।