ऐसे होगा टेस्ट किट को सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ने विकसित किया है। इसमें क्लस्टर्ड रेगुलर इंटरसेप्टर शॉर्ट पालिंड्रोमिक रिपीट (सीआरआईएसपीआर) टेस्ट यानी जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। किट में नेजल स्वैब के डाले जाने के बाद दो लाइन ब्लू आएंगी तो पॉजिटिव और एक लाइन ब्लू आई तो निगेटिव रिजल्ट मिलेगा।
500 रुपये की होगी किट इस किट से टेस्ट का रेट सिर्फ 500 रुपए होगा। जबकि अभी तक वायरस का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच में 1600 रुपये, ट्रूनट टेस्ट किट में 1200 और रैपिड एंटीजन टेस्ट किट में एक हजार का खर्च आ रहा है।
जल्द आने वाली है किट जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्र ने बताया कि देसी फेलुदा कोरोना किट तैयार होकर जल्द आने वाली है। इसे आरटी-पीसीआर का सटीक विकल्प माना गया है। ड्रग कंट्रोलर के बाद आईसीएमआर ने भी इसके प्रयोग की अनुमति दे दी है। निजी या सरकारी कोरोना टेस्ट लैब सेन्टर इस किट से टेस्ट कर सकेंगे। कोरोनोवायरस का पता लगाने के लिए यह किट 96 प्रतिशत संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत विशिष्टता के साथ हाई क्वालिटी वाले बेंचमार्क को पूरा करती है। अमेरिका के मैसाचुयेट्स इंस्टीट्यूट में इस किट का प्रयोग शुरू हो गया है। पांच सौ रुपए में 30 से 45 मिनट में कन्फर्म टेस्ट बताएगी। माइक्रोबायोलॉजी विशेषज्ञों को भी इसकी जानकारी दी जा रही है।