बतादें कि हाल ही में योगी सरकार ने डेढ़ सौ से अधिक भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। गृह व गोपन विभाग ने आर्थिक अपराध शाखा को आदेश जारी कर दिया है कि भ्रष्टाचार में शामिल डेढ़ सौ अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, जिसकी संस्तुति भी कर दी गई है। ऐसे में साफ है कि अब राशन घोटाले से लेकर खाद्यान्न घोटाले और क्षतिपूर्ति घोटाले से लेकर अन्य घोटालों में जनता के पैसे को हजम करने वाले अफसरों को जेल जाना होगा।
सरकार ने इसके लिए आर्थिक अपराध शाखा को अलग से थाना बनाकर उसमें एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है, जिससे पूरे मामले की जांच में गोपनीयता बनी रहे। सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले जीरो टॉलरेंस की बात की थी और कई अफसरों को अनियमितता के आरोप में जबरन रिटायर कर दिया था। लेकिन सीएम योगी ने एक माह पहले समीक्षा बैठक की तो इस बात का अंदाजा लगा कि 450 से अधिक भ्रष्टाचार की फाइलें लंबित हैं और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।