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लखनऊ

अब गो-सफारी खोलने की तैयारी में योगी आदित्यनाथ सरकार, पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाराबंकी से शुरुआत

इटावा लायन सफारी (Etawah Lion Safari) की तर्ज पर पशुपालन विभाग बाराबंकी के कमियार में गो-सफारी (Barabanki Cow Safari) बनाने की तैयारी में है…

लखनऊDec 05, 2019 / 02:24 pm

नितिन श्रीवास्तव

 अब गो-सफारी खोलने की तैयारी में योगी आदित्यनाथ सरकार, पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाराबंकी से शुरुआत

अब गो-सफारी खोलने की तैयारी में योगी आदित्यनाथ सरकार, पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाराबंकी से शुरुआत

लखनऊ. इटावा लायन सफारी (Etawah Lion Safari) की तर्ज पर पशुपालन विभाग बाराबंकी के कमियार में गो-सफारी (Cow Safari) बनाने की तैयारी में है। आवारा और निराश्रित (बेसहारा) पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गो-सफारी खोलने पर विचार कर रही है। इसकी शुरुआत बाराबंकी (Barabanki Cow Safari) जिले से होगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसकी शुरुआत होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बेसहारा गोवंश के संबंध में हुई बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने गो-सफारी बनाने का प्रस्ताव रखा। दरअसल योगी सरकार गोसंरक्षण की दिशा में कई बड़े कदम उठा रही है। उसका मकसद ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था में गायों के माध्यम से सुधार लाना है। इसीलिये गोसंरक्षण के लिए सरकार अब तक कई घोषणाएं कर चुकी है और उसके लिये बाकायदा अलग बजट भी निर्धारित किया है।

सीएम योगी ने दिखाई दिलचस्पी

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के मुताबिक गो सफारी के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने दिलचस्पी दिखाई है। साथ ही इस पर विस्तृत कार्य योजना के साथ रिपोर्ट तलब की है। मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि जिन जिलों में पशुपालन विभाग के पास पर्याप्त भूमि है वहां गो-सफारी बनाया जा सकता है। इसमें 15-20 हजार गाय प्राकृतिक वातावरण में रह सकती हैं। उन्होंने कहा कि बाराबंकी जिले में कमियार घाट पर 25 सौ एकड़ भूमि उपलब्ध है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस पर गो-सफारी बनाई जा सकती है।

जमीन की मांगी गई रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि बाराबंकी के अलावा सुने के कई जिलों में पशुपालन विभाग के पास जमीन है। मसलन शाहजहांपुर में 392 एकड़ और महाराजगंज में लगभग 800 एकड़ जमीन उपलब्ध है। फिलहाल उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अन्य जिलों में कितनी जमीन उपलब्ध है उसकी रिपोर्ट तैयार की जाए।

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर भी विचार

चौधरी ने बताया कि इन गो-सफारी को भविष्य में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गो-सफारी में गायों को घूमने टहलने के लिए पर्याप्त स्थान मिलेगा। गो-सफारी में गोवंश के गोबर, गो-मूत्र आदि का सदुपयोग किया जा सकता है। फिलहाल योजना को क्रियान्वित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कराई जा रही है।

चारागाहों की भी होगी व्यवस्था

मंत्री ने बताया कि कमियार में विभाग के पास करीब ढाई एकड़ जमीन है, जो नदी के किनारे तक जाती है। जिसमें चार से पांच हजार गोवंश को रखकर चरागाहों की व्यवस्था की जाएगी।

गोसंरक्षण के लिए घोषणाएं और बजट

बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां गोवंश की रक्षा के लिए सालभर के भीतर 250 करोड़ जारी किए गए। पिछले साल योगी सरकार ने गोरक्षा के लिए एकमुश्त 160 करोड़ रुपए जारी किए। इस राशि से प्रत्येक नगर निगम को आवारा पशुओं के लिए आश्रय गृह बनाने के लिए 10 करोड़ मिले। इस राशि से प्रदेश के 16 नगर निगमों में गायों के लिए आश्रय गृह अथवा गोशालाएं बनायी गईं।

प्रति गोवंश के लिए 30 रुपये खर्च

राज्य सरकार की घोषणा के मुताबिक जिस भी किसान के पास पांच बीघा जमीन है वह उसमें 200 गायों या गौवंश को रखने के लिए संरक्षण केंद्र बना सकता है। सरकार प्रति गौवंश के लिए 30 रुपये खर्च देगी। इस राशि से गौवंश के लिए चारे-पानी आदि की व्यवस्था होगा। जबकि, संरक्षण केंद्र चलाने वाले व्यक्ति को गौवंश के गोबर, मूत्र और दूध आदि से अतिरिक्त कमाई हो सकेगी।

गाय स्टार्टअप की शुरूआत

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग पूरे देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए गाय स्टार्टअप शुरू करने की योजना बना रहा है। सरकार आयोग के माध्यम से उन उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है, जो नई तकनीक और विशेषज्ञता से गाय उत्पाद को बाजार तक पहुंचा रहे हैं। सरकार इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता सब्सिडी के रूप में उपलब्ध करायेगी। साथ ही उनके प्रोडक्ट की मार्केंटिंग करने और उन्हें बाजार तक पहुंचाने में भी सहायता करेगी।

एक गाय की योजना को बढ़ावा

योगी सरकार आयोग की मदद से हर ग्रामीण घर में एक गाय की योजना को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार ने इसके लिए विशेषज्ञों से विचार कर रही है कि गाय खरीदने के लिए सरकार कितनी सब्सिडी दे सकती है। इसके अलावा गोशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए भी योगी सरकार बेहतर पॉलिसी फ़्रेमवर्क बनाने की दिशा में काम कर रही है।

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