scriptसिर्फ दवा बांटना नहीं, खिलाना लक्ष्य : डॉ. त्रिपाठी | Dr. Tripathi says not just distribution but consumption medicine goal | Patrika News
लखनऊ

सिर्फ दवा बांटना नहीं, खिलाना लक्ष्य : डॉ. त्रिपाठी

फाइलेरिया नियंत्रण एवं मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन हुआ।

लखनऊNov 13, 2018 / 11:05 pm

Abhishek Gupta

Dr Tripathi

Dr Tripathi

लखनऊ. फाइलेरिया नियंत्रण एवं मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ व सेंटर फॉर एडवोकेसी एवं रिसर्च के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. के.पी. त्रिपाठी ने बताया कि 14 से 18 नवम्बर तक जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत घर-घर जाकर दवा खिलायी जायेगी। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, ए.एन एम., आशा बहुओं व कई सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं की टीमें बनायी गयी हैं। अभियान की प्रतिदिन व अंत में समीक्षा होगी ताकि आ रही दिक्कतों को दूर कर भविष्य में उनमें सुधार किया जा सके। इसके लिए 33 यूनिटों के तहत 4600 टीमें बनायी गयी हैं, जिनमें चार से पाँच लोग शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोडकर हर किसी को यह दवा खिलाई जाएग। लखनऊ जिले में लक्षित 47 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए मीडिया का सहयोग अपेक्षित है। ये अभियान लखनऊ समेत प्रदेश के 20 जिलों में चलेगा, ये जिले हैं- कानपुर देहात, कानपुर नगर, औरैया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, प्रयागराज (इलाहाबाद), फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, लखीमपुरखीरी, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, गाजीपुर, मिर्जापुर, सुलतानपुर व चंदौली।
एक सवाल के जवाब में डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के कंट्रोल रूम का नम्बर है 0522-2622080 व उनका मोबाइल नम्बर 9415795809 है, किसी परेशानी की सूरत में या किसी जानकारी के लिए इन नम्बरों पर संपर्क किया जा सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डी.एन. शुक्ला ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव एक गंभीर संक्रामक रोग है जो मच्छरों के काटने से होता है। सरकार इसके लिए 2004 से अभियान चला रही है। उसमें दो दवाएं खिलायी जाती हैं उसे खाली पेट नहीं खाना है। एक डीईसी व दूसरी अल्बेंडाजोल 2 से 5 साल के बच्चों को एक गोली, 6 से 14 साल के बच्चों को दो गोली व 15 साल व उससे ऊपर के लोगों को 3 गोली एक साथ खाना है। ये बीमारी 10 साल बाद अपना प्रभाव दिखाती है, इसलिए इसे सभी लोग जिन्हें कोई लक्षण न भी दिख रहा हो, तब भी दवा खाना जरूरी है। पीसीआई के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ध्रुव प्रकाश सिंह ने बताया कि जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए स्कूल, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट आदि का भी सहयोग लिया जा रहा है।
जीएचएस के डॉ. अमनदीप ने बताया कि सोशल मीडिया के सहयोग से लगभग 65 फीसद लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है तभी अभियान की सफलता सुनिश्चित होगी। कार्यशाला को सभी प्रमुख प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति से सफल बनाया।

Home / Lucknow / सिर्फ दवा बांटना नहीं, खिलाना लक्ष्य : डॉ. त्रिपाठी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो