उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोडकर हर किसी को यह दवा खिलाई जाएग। लखनऊ जिले में लक्षित 47 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए मीडिया का सहयोग अपेक्षित है। ये अभियान लखनऊ समेत प्रदेश के 20 जिलों में चलेगा, ये जिले हैं- कानपुर देहात, कानपुर नगर, औरैया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, प्रयागराज (इलाहाबाद), फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, लखीमपुरखीरी, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, गाजीपुर, मिर्जापुर, सुलतानपुर व चंदौली।
एक सवाल के जवाब में डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के कंट्रोल रूम का नम्बर है 0522-2622080 व उनका मोबाइल नम्बर 9415795809 है, किसी परेशानी की सूरत में या किसी जानकारी के लिए इन नम्बरों पर संपर्क किया जा सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डी.एन. शुक्ला ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव एक गंभीर संक्रामक रोग है जो मच्छरों के काटने से होता है। सरकार इसके लिए 2004 से अभियान चला रही है। उसमें दो दवाएं खिलायी जाती हैं उसे खाली पेट नहीं खाना है। एक डीईसी व दूसरी अल्बेंडाजोल 2 से 5 साल के बच्चों को एक गोली, 6 से 14 साल के बच्चों को दो गोली व 15 साल व उससे ऊपर के लोगों को 3 गोली एक साथ खाना है। ये बीमारी 10 साल बाद अपना प्रभाव दिखाती है, इसलिए इसे सभी लोग जिन्हें कोई लक्षण न भी दिख रहा हो, तब भी दवा खाना जरूरी है। पीसीआई के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ध्रुव प्रकाश सिंह ने बताया कि जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए स्कूल, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट आदि का भी सहयोग लिया जा रहा है।
जीएचएस के डॉ. अमनदीप ने बताया कि सोशल मीडिया के सहयोग से लगभग 65 फीसद लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है तभी अभियान की सफलता सुनिश्चित होगी। कार्यशाला को सभी प्रमुख प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति से सफल बनाया।