ये भी पढ़ें- 16 दिसंबर तक के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान, बारिश के साथ बढ़ेगी सर्दी दूल्हे के दोस्तों ने डांस फ्लोर पर खींचा तो दुल्हन ने शादी से किया इनकार- बरेली में एक शादी समारोह चल रहा था। दूल्हा बरेली जिले के एक गांव का रहने वाला है व दुल्हन कन्नौज जिले की रहने वाली है और दोनों ही पोस्ट ग्रेजुएट हैं। शादी के दौरान दूल्हे के दोस्तों ने डांस फ्लोर पर दुल्हन को खींचने का काम कर दिया। दुल्हन पक्ष को दूल्हे पक्ष का यह व्यवहार अपमानजनक लगा। दोस्तों के इस कदम से नाराज दुल्हन व उसके परिवार वाले दूल्हे पक्ष से बहस करने लगे। विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने शादी से इंकार कर दिया। यही नहीं, दुल्हन पक्ष ने पुलिस से दूल्हे पक्ष पर दहेज मांगने का भी आरोप लगाया। इस पर दूल्हे के परिवार ने 6.5 लाख रुपए का शादी के खर्च का भुगतान कर दिया, तब दोनों पक्षों में जाकर समझौता हुआ। मामले पर बिथरी चैनपुर एसएचओ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि “महिला के परिवार ने दहेज की शिकायत दी थी, लेकिन कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। यह दो परिवारों के बीच का मामला था। दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था।” हालांकि शादी के दो दिन बाद लड़के पक्ष ने दोबारा साधारण तरीके से शादी करने के लिए लड़की पक्ष को मनाया, लेकिन लड़की ने दुर्व्यवहार होने की बात कहकर शादी से इंकार कर दिया।
ये भी पढ़ें- यूपी में स्कूल खुलने को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला बेटी के रिश्ते की खातिर डरे पिता ने लिया कर्ज, लगवाई टूटी प्रतिमा-दूसरा मामला गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत लाहीडाड़ी है। यहां निवासी राधेश्याम की छोटी बेटी की शादी के बाद विदाई हुई थी। उससे पहले बाराती गांव के मिडिल स्कूल पर रुके थे, यहां से कुछ ही दूरी पर डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगी थी, जिसे किसी अराजक तत्व ने उसी दौरान क्षति पहुंचा दी। इस कारण गांव में तनाव भी बढ़ गया था। गांव पहुंचकर इंस्पेक्टर गोला संतोष कुमार सिंह ने हालात काबू किए। लोगों को नई प्रतिमा लगवाने का भरोसा दिलाते हुए अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी गई। इस बीच राधेश्याम को बताया गया कि बरातियों ने ही प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया है। यह सुनकर लड़की के पिता राधेश्याम परेशान हो गए। उन्हें डर सताने लगा कि कहीं शक होने पर पुलिस पुत्री के ससुराल वालों से ही सवाल कर उन्हें परेशान न करने लगे। बेटी के रिश्ते पर कोई आंच न आ जाए, इसलिए उन्होंने 40 हजार रुपए कर्ज लिए और लखनऊ से अंबेडकर की प्रतिमा मंगवाई और गांव में लगवा दी। पुत्री के ससुराल वालों से उन्होंने सवाल तक नहीं किया।