नगर पालिकाओं में सबसे अधिक अनपढ़ चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2017 में चुने गए कुल निरक्षर जनप्रतिनिधियों की सबसे अधिक संख्या नगर पालिकाओं में हैं। प्रदेश भर की 30 नगर पालिका परिषदों पर अध्यक्ष के रूप में ऐसे जनप्रतिनिधि चुने गए हैं जो निरक्षर हैं। नगर पालिकाओं के सदस्यों के रूप में 770 निरक्षर माननीय चुने गए हैं। इसके अलावा नगर पंचायतों की बात करें तो 7 नगर पंचायत अध्यक्ष पदों पर निरक्षर लोग चुने गए हैं जबकि नगर पंचायतों में निरक्षर सदस्यों की संख्या 622 है।
नगर निगमों में भी अनपढ़ निरक्षर जनप्रतिनिधियों के मामले में नगर निगम भी पीछे नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के नगर निगमों के नवनिर्वाचित महापौरों में भले ही कोई निरक्षर न हो लेकिन नगर निगम में पार्षद के रूप में प्रदेश में 102 निरक्षर लोग चुन कर आये हैं। महापौरों की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो एक महापौर हाईस्कूल पास हैं जबकि एक इंटरमीडिएट है। इसके अलावा एक डिप्लोमा, पांच स्नातक, 6 पीजी और एक मेयर पीएचडी उपाधि धारक है। इसी के साथ प्रदेश भर के नगर निगमों में चुने गए कुल 6 पार्षद पीएचडी हैं।
नगर पालिका और नगर पंचायतों में पीएचडी धारक भी नगर पालिका और नगर पंचायतों में जहां एक ओर बड़ी संख्या में निरक्षर जनप्रतिनिधि चुनकर आये हैं तो इन सदनों में पीएचडी उपाधि धारक प्रत्याशियों की भी एंट्री हुई है। नगर पंचायत अध्यक्ष के दो नवनिर्वाचित प्रतिनिधि पीएचडी हैं जबकि नगर पंचायत के ही 9 सदस्यों के पास पीएचडी की उपाधि है। इसके अलावा नगर पालिका अध्यक्ष पद पर 6 पीएचडी धारक चयनित हुए हैं तो 9 सदस्य पीएचडी धारक हैं।