इसकी शुरुआत 10 अप्रैल को वाराणसी से होगी। इसके बाद बिजली का बिल बढ़ेगा की नहीं, इसपर फैसला आएगा। बिजली वितरण निगम की ओर से नए सत्र में बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें उपभोक्ताओं की बिजली दर में 18 से 23% तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। नियामक आयोग बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता और बिजली दर प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा।
अवधेश कुमार वर्मा बोले-पहले उपभोक्ताओं का बकाया दें, फिर बढ़ाएं बिजली का बिल
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा, “बिजली का बिल नहीं बढ़ने देंगे। आयोग की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता परिषद अपनी बात रखेगा। परिषद अध्यक्ष खुद सुनवाई में उपस्थित होकर उपभोक्ताओं का पक्ष रखेंगे।”
उन्होंने कहा, “कंपनियों की ओर से की जा रही मनमानी की पोल खोलेंगे। बिजली कंपनियों का प्रस्ताव गैरकानूनी है। वे पहले सरप्लस में रखे गए करीब 25133 करोड़ रुपये बिल में समायोजित करते हुए उपभोक्ताओं को लौटाएं। फिर बढोतरी की बात करें। उन्होंने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह हर सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर बिजली दरों में बढोतरी के प्रस्ताव का विरोध करें।”