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लखनऊ

लॉकडाउन के बाद मिलेगी बड़ी खुशखबरी, उद्यमियों ने योगी सरकार से मांगे 5 लाख श्रमिक और कामगार

– उत्तर प्रदेश निर्यात का बड़ा हब बनेगा, जल्द लगेगी कैबिनेट की मुहर- ब्रांड यूपी के लिए अलग कोष, निर्यातकों को जारी होगा ग्रीन कार्ड

लखनऊMay 27, 2020 / 02:06 pm

नितिन श्रीवास्तव

उद्यमियों ने योगी सरकार से मांगे 5 लाख श्रमिक और कामगार, लॉकडाउन का बाद मिलेगी बड़ी खुशखबरी

उद्यमियों ने योगी सरकार से मांगे 5 लाख श्रमिक और कामगार, लॉकडाउन का बाद मिलेगी बड़ी खुशखबरी

लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉकडाउन की वजह से घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों और कामगारों का जो स्किल मैपिंग डेटा बैंक बनाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू की वह अब तेजी से रंग ला रही है। यूपी में श्रमिकों, कामगारों और युवाओं के उद्योगों में सेवायोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने के लिए अब यूपी के कई उद्यमी भी सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक इन उद्यमियों ने प्रदेश सरकार से करीब 5 लाख श्रमिकों और कामगार मांगे हैं। सरकार उद्यमियों की इस पहली मांग से काफी उत्साहित है। दरअसल सरकार हर इकाई से स्क्लिड और नान स्किल्ड मैनपॉवर की डिमांड मांग रही है। यगी सरकार उद्योगों को चलाने में मदद देने के साथ ही हर छोटी और बड़ी सभी उद्यम इकाई से मैन पावर की डिमांड भी मांग रही है। सरकार औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों और कामगारों के लिए अप्रेंटिस और ट्रेनिंग का भी इंतजाम कर रही है।
योगी सरकार कर रही मांग

योगी सरकार हर इकाई से सरकार स्क्लिड और नान स्किल्ड मैनपावर की डिमांड मांग रही है। इसके साथ ही सीएम उद्योगों को हर तरह की मदद देने की भी कोशिश में लगे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि औद्योगिक संस्थानों में तेजी से काम शुरू कराएं। सप्लाई चेन क्लियर कराने और बाकी सरकारी सहूलियतों में उद्यमियों को पूरा सहयोग दें। उद्योगों को चलाने में मदद देने के साथ ही सरकार हर छोटी और बड़ी सभी उद्यम इकाई से मैन पावर की डिमांड भी मांग रही है। इसके अलावा अप्रेंटिस के दौरान सरकार और औद्योगिक समूहों से अप्रेंटिस भत्ता दिलाने की भी योजना है।
उत्तर प्रदेश निर्यात का बड़ा हब बनेगा

योगी आदित्यनाथ सरकार लॉकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश को निर्यात हब बनाने वाली है। इसके लिये सरकार मेक इन यूपी ब्रांड विकसित करेगी। साथ ही सभी निर्यातकों को बड़ी सहूलियतें भी देने की तैयारी है। नई नीति में जिलों को निर्यात हब के रूप में विकसित करने को लेकर मंजूरी दी जा सकती है है। इसमें डीएम की अध्यक्षता में हर जिला निर्यात बंधु बनाया जाएगा। यूपी को निर्यात के रूप में आगे ले जाने के लिए सरकार उद्यमियों को कई रियायतें भी मिलेंगी। साथ ही यूपी में निर्मित होने वाले उत्पादों और सेवाओं को वैश्विक स्तर पर एक प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धी ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए उसके प्रमोशन पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ब्रांड इक्विटी फंड बनाएगी। साथ ही मार्केट रिसर्च और डाटा बेस के लिए भी अलग से फंड दिया जाएगा। निर्यातकों को उनके आयात व निर्यात वाले कंसाइन्मेंट के परिवहन के लिए ग्रीन कार्ड भी दिए जाएंगे।
नई निर्यात नीति का ड्राफ्ट तैयार

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एमएसएमई विभाग ने 2020 से 2025 तक की नई निर्यात नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसे जल्दी ही कैबिनेट से पास कराया जाएगा। सरकार माल को बंदरगाहों तक ले जाने के लिए एक साल में एक यूनिट को 2 करोड़ रुपये भाड़ा प्रतिपूर्ति के रूप में देगी। इसके अलावा अगर माल ट्रक से जाता है तो उसपर 50 लाख मिलेंगे। लखनऊ और वाराणसी के एयर कार्गो काम्प्लेक्स समेत देश के दूसरे कार्गो से सामान निर्यात के लिए भेजने पर अब दो लाख रुपये के बजाए सरकार अधिकतम 25 लाख रुपये देने की योजना बना रही है।
मिलेगा ये लाभ

इन सब के अलावा निर्यात में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी करने वाले अतिरिक्त निर्यात करेंगे तो उसका एक प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में अपने टर्न ओवर का 50 फीसदी से अधिक निर्यात करने वाली कंपनियाों को पांच साल तक इलेक्ट्रिसिटी बिल से छूट का अलग से लाभ दिया जाएगा।
निर्यातकों को दिया जाएगा ग्रीन कार्ड

निर्यातकों को उनके आयात व निर्यात वाले कंसाइन्मेंट के परिवहन के लिए ग्रीन कार्ड दिए जाएंगे। इससे उनके माल वाहक वाहनों का चेक पोस्ट पर न्यूनतम परीक्षण होगा और उन्हें अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाएगा। साथ ही आईटी क्षेत्र में बायर सेलर मीट के लिए बिजनेस फैसिलिटेशन फोरम बनेगा। जीएसटी सेल बनेगा।
इन वस्तुओं के निर्यात में यूपी नंबर 1

कालीन, अन्य टेक्सटाइल, फ्लोरकवरिंग, मीट, पीतल के सजावटी उत्पाद, खिलौने, स्पोर्ट्स पार्ट्स, लकड़ी उत्पाद

इन देशों को होता है निर्यात

अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, यूके, नेपाल, जर्मनी, चीन, फ्रांस, स्पेन और मलेशिया।

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