जानकारी के मुताबिक पिता अपनी दुकान पर चले गये थे । माँ सरला देवी व भाभी कृष्णा दावत खाने रूपापुर गयीं थी । हरीबाबू नें बताया कि उन्होंने किसी काम के लिए संध्या के पास फोन किया| लेकिन फोन नही उठा तो वह देखने आये । जिस पर कमरे का दरवाजा भीतर से बंद था| काफी प्रयास के बाद जब दरवाजा नही खुला तो हरिबाबू को शक हुआ । उन्होंने पुलिस को सूचना दी| सूचना के बाद प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश पाण्डेय, चौकी इंचार्ज हरीओम त्रिपाठी मौके पर आ गये| उन्होंने पुलिस कर्मियों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा । दरवाजा तोड़ने ही सभी की चीख निकल गयी । संध्या फांसी के फंदे पर झूल रही थी । संध्या को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया । पुलिस नें शव को नीचे उतारा । शव के पास ही एक पन्ने का सुसाइट नोट पेंसिल से लिखा रखा था ।
पढ़े संध्या नें मौत के सुसाइड नोट में क्या लिखा पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला उसमे लिखा था । हम अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहे है| हम इस दुनिया के लिए बने ही नही है । हमे कुछ भी नही आता| हमे लड़की ही नही बनाना चाहिए था जानवर बना देता भगवान|यैसी जिन्दगी नही जीनी। सब हमशे दुखी हैं । आज से कोई दुखी नही होगा| सब खुश रहना । आज से किसी का घर बर्बाद नही होगा । जिसका हमनें कर दिया है वो अपना सही कर लें और हमें माफ कर दें । सब लोग खुश रहना| हम किसी लायक नही । तो क्या करें यैसी जिन्दगी जीकर सब लोग हमे माफ कर देना| मैंने सब देख लिया अब कुछ नही देखना । एसपी अनिल मिश्रा नें बताया कि शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम की कार्यबाही की जा रही रही है|म्रतका के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है और किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है ।