इस अवसर पर उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, दीपक त्रिवेदी, आर0के0 तिवारी एवं अपर मुख्य सचिव राज्यपाल हेमन्त राव, आयुष विभाग की सचिव नीना शर्मा, विशेष सचिव आलोक यादव, विशेष सचिव एवं मिशन निदेशक आर0एन0 वाजपेयी, निदेशक आयुर्वेद एवं संयोजक प्रो0 एस0एन0 सिंह, कार्यक्रम प्रभारी डा0 शिव शंकर त्रिपाठी सहित शासन-प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे।
राज्यपाल ने उपस्थित योग साधकों का स्वागत करते हुये कहा कि राजभवन में अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होता है परन्तु जब से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन होना प्रारम्भ हुआ है तो राजभवन की गरिमा में भी वृद्धि हुई है। योग के सूक्ष्म से सूक्ष्म रूप का हमने दर्शन किया है और आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरा विश्व योग का विराट रूप देख रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व को योग का महत्व बताया और सभी ने उसका स्वागत किया है। योग को वैश्विक मान्यता एवं पहचान देने के लिए प्रधानमंत्री का अभिनन्दन करता हूँ। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनन्दन करते हुये कहा कि योग स्वास्थ्य के क्षेत्र की सबसे प्राचीन विद्या है जो तन के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ करता है। योग का अर्थ सबको साथ लेकर चलता है। राज्यपाल ने कहा कि छात्र जीवन में कक्षा 1 से 11 तक प्रतिदिन किये गये सूर्य नमस्कार उनकी ऊर्जा एवं शक्ति का आधार हैं। राज्यपाल ने ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ के मर्म को समझाते हुये कहा कि जीवन में निरन्तर आगे बढ़ने में ही सफलता प्राप्त होती है।
राज्यपाल ने बताया कि 22 जुलाई 2014 को शपथ ग्रहण करते समय उन्होंने कहा था कि वे राजभवन के दरवाजे सभी लोगों के लिये खुले रखेंगे और उन्हें प्रसन्नता है कि ऐसा करने में सफल हुये है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिये केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के मध्य सेतु की भूमिका में कार्य किया है। प्रदेश अब विकास के पथ पर ‘उत्तम प्रदेश’ से आगे बढ़कर सारे देश में ‘सर्वोत्तम प्रदेश’ बनने को अग्रसर है। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके कार्यकाल में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु किये गये प्रयास सफल हुए हैं और उच्च शिक्षा पटरी पर आ गयी है। राज्य विश्वविद्यालयों में दीक्षान्त समारोह ससमय सम्पन्न हुये हैं। उन्होंने कहा कि यह उच्च शिक्षा के लिये एक शुभ संकेत है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में सामूहिक योगाभ्यास के आयोजन की स्वीकृति देने पर राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग को वैश्विक मान्यता दी तथा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किया। आज पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य देशों ने जाति, मजहब, धर्म, भाषा, क्षेत्र के होते हुए बिना किसी पूर्वाग्रह के भारत की इस प्राचीन विधा को स्वीकार किया है। योग अपने आप से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।
योग हमें न केवल निरोग बनाता है अपितु आध्यात्मिक उन्नयन के माध्यम से सनातन धर्म के सभी रहस्यों का उद्घाटन करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिन्हें हम सामान्य रूप से महसूस करने में असमर्थ हैं। प्रधानमंत्री ने भारत की प्राचीन परम्परा को आमजन तक पहुंचाने में तथा हमारी परम्परा को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने का महान कार्य किया है। मनुष्य जीवन योग के लिये है क्योंकि मनुष्य धरातल जगत का सबसे श्रेष्ठ प्राणी है। योग के महत्व को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने योग साधकों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि पूर्वजों की परम्परा ही देश को आगे बढ़ा सकती है।
इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ, उद्यान, पर्यटन, जैव ऊर्जा बोर्ड द्वारा भाग लिया गया और उनके द्वारा विभाग में हो रहे विशेष क्रिया-कलापों को प्रदर्शित किया गया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों द्वारा योगाभ्यास कार्यक्रम से पूर्व प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।
योग कार्यक्रम में पतंजलि योग पीठ, गायत्री परिवार, यू0पी0 नेचुरोपैथी, तत्वमसि योग विद्या संस्थान, आरोग्य भारतीय संस्थान, नेहरू युवा केन्द्र, ब्रहमकुमारी संस्था, भारतीय योग संस्थान, खुशी फाउण्डेशन, ईशा फाउण्डेशन, आर्ट आफ लिविंग, सी0आर0पी0एफ0, एस0एस0बी0, आई0टी0बी0पी0, सूर्यांश सेवा संस्थान, क्रीड़ा भारती, एल0एम0ए0, हर्ट फुलनेस एवं आरोग्य भारती संस्था, 10 वर्ष की उम्र तक के अनेक बच्चों एवं 7 दिव्यांगजन सहित 2,000 से अधिक योग साधकों द्वारा योगाभ्यास में प्रतिभाग किया गया।