एलडीए के मुख्य अभियंता इंदू शेखर सिंह का कहना है कि पालिथीन मिक्स करने से डामर, बजरी व गिट्टी की ताकत पहले की अपेक्षा और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। जिससे सड़कों को मतबूती मिलेगी और इसी मजबूती से शहर की सड़कों की उम्र भी काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। पालिथीन से बनी सड़कों को उम्र आरसीसी से बनी सड़कों से ज्यादा होगी। जिससे सड़कों पर चलने वाले लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही आने वाले समय में होने वाली दुर्घटनाओं से भी राहत मिलेगी।
आईआईटी कानपुर ने दी सहमति
लखनऊ को प्रदूषण मुक्त शहर बनाने के लिए एलडीए ने पॉलिथीन से सड़क बनाने के लिए आईआईटी कानपुर से मदद मांगी है जिस पर आईआईटी कानपुर ने भी मदद देने के लिए अपनी सहमति दे दी है। फिलहाल सैंपल के तौर पर शहर में केवल तीन सड़कें बनाने की तैयारी है। इन सड़कों पर कम से कम तीन साल तक नजर रखी जाएगी। इसके बाद ही शहर की अन्य सड़के पॉलिथीन से बनाई जाएंगी।
100 मीटर सड़क बनाने में 7.50 लाख पॉलिथीन लगेगी
एलडीए अधिकारियों के अनुसार 100 मीटर की सड़क बनाने के लिए 2 से 5 किलो साइज की लगभग 7.50 लाख पॉलिथीन इस्तेमाल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस पर प्राधिकरण के मुख्य अभियंता मानना है कि इसी रेशियो में दूसरे शहरों में पॉलिथीन मिक्स कर सड़कें बनाई जा रही हैं। जिनमें भारत के चैन्ने, आंध्र प्रदेश, केरल तथा महाराष्ट्र भी शामिल है।
पॉलिथीन से सड़क बनाने के फायदे
– पॉलिथीन से बनने वाली सड़कें डामर व आरसीसी से बनने वाली सड़कों से काफी ज्यादा मजबूत रहेंगी।
– बरसात का पानी एकत्र होने पर पॉलिथीन से बनी सड़कों को कोई नुकसान नहीं होगा।
– पॉलिथीन से सड़क बनने पर शहर को कचरे से मुक्ति मिलेगी और शहर का प्रदूषण भी कम होगा।
– शहर साफ सुथरा और प्रदूषण मुक्त दिखेगा, जिससे लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी।