31 करोड़ में खरीदा गया रोबोट पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक संस्थान के कई डॉक्टर रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण ले चुके हैं। हैदराबाद से आए डॉक्टरों की टीम ने पीजीआई में तीन थायराइड और एक एड्रिनल रोबोटिक सर्जरी की है। इसमें चार मरीजों को सफल इलाज के बाद छुट्टी दी गई। इसके अलावा पांच विभाग के मरीजों की रोबोटिक सर्जरी होनी है। इसमें इण्डोक्राइन, कार्डियक, गेस्ट्रो, यूरोलॉजी व कार्डियक थोरेसिक एण्ड वेस्कुलर सर्जरी (सीवीटीएस) के विभाग शामिल हैं। सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल बताते हैं कि सामान्य सर्जरी के मुकाबले रोबोटिक सर्जरी की सफलता की दर अधिक होगी। इस सर्जरी में दिक्कत कम होगी और इंफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता। सर्जरी के लिए पीजीआई में लाया गया यह रोबोट 31 करोड़ में अमेरिका से खरीदा गया है।
नहीं रहता इंफेक्शन का खतरा पीजीआई के सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक रोबोटिक सर्जरी करने के लिए उपकरणों को डॉक्टर रोबोट के जरिये संचालित करते हैं। रोबोट के बाजुओं से जुड़े उपकरणों को संचालित करने के लिए कम्प्यूटर कंसोल का प्रयोग किया जाता है। रोबोट से जुड़े गतिविधियों पर संबंधित डॉक्टर नजर रखते हैं। इस दौरान डॉक्टर को मरीज के पास रुकने की जरूरत भी नहीं होती। रोबोटिक सर्जरी में छोटा सा चीरा लगाया जाता है। इसमें रक्तस्त्राव की संभावना सामान्य सर्जरी के मुकाबले कम होती है। इस सर्जरी में चोट कम लगती है और इंफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता।