पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि उनके 4500 करोड़ के गैप की भरपाई पर आयोग स्वत: विचार करे। इसके पीछे मंशा यह है कि आयोग यदि इसकी भरपाई का कोई विकल्प देगा तो बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डाल सकेंगी। उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहना है कि पावर कारपोरेशन अधिनियम का उल्लंघन कर रहा है जो विज्ञापन समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए जाएंगे उसमें स्लैब परिवर्तन का आधार 2019-20 दिखाया जाएगा। इसके लिए आयोग से अनुमति मांगी है। आरोप लगाया है कि स्लैब परिवर्तन के माध्यम से कारपोरेशन गरीब उपभोक्ताओं पर भार डालना चाहता है।
इसके साथ ही नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन की मांग को खारिज कर दी है। आयोग का कहना है कि आम जनता की सुनवाई के बाद ही प्रस्तावित स्लैब परिवर्तन के अनुमोदन पर विचार होगा। पावर कारपोरेशन से तत्काल समाचार पत्रों में नए प्रस्तावित स्लैब का विज्ञापन छपवाने को कहा है ताकि आम जनता आपत्ति दाखिल कर सके।