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लखनऊ

यूपी में कम होंगे अपराध, बनेगी फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी

यूपी में महिला और बच्चों के प्रति हो रहे अपराध से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार यूपी में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करेगी।

लखनऊDec 14, 2019 / 12:09 pm

आकांक्षा सिंह

यूपी में कम होंगे अपराध, बनेगी फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी

यूपी में कम होंगे अपराध, बनेगी फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी

लखनऊ. यूपी में महिला और बच्चों के प्रति हो रहे अपराध से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार यूपी में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करेगी। इसके लिये सीएम योगी ने दिया रही है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हर रेंज स्तर पर एक-एक साइबर थाना और फॉरेंसिक सेंटर खोला जा रहा है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार का अपना एक फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी भी स्थापित की जाएगी। लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में साइबर अपराध और महिला-बाल अपराध विवेचना कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान सीएम ने कहा कि राज्य में पिछले दो वर्ष में अपराध रोकने पर काम हुआ है और महिला-बालिकाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए बेहतर काम किया गया। योगी ने कहा कि छह माह में दंड दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर आया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की ठोस नींव कानून के राज पर ही स्थापित हो सकती है। अगर कानून का राज नहीं है तो सुशासन की परिकल्पना ही अपने आप में बेईमानी है। इसलिए हम सभी को इस पर फोकस करना होगा। अपराधियों के मन में कानून का भय होगा तो स्वभाविक रूप से अपराध कम होंगे। कहा कि पिछले दो साल में इस दिशा में बेहतर काम हुआ है। दो साल पहले मैंने यह पता लगाने के लिए एक समिति बनाई थी कि क्या महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की भी समयबद्ध जांच हो रही है? जांच में सामने आया कि जनपद स्तर पर समन्वय की कमी है। अपराधी गिरफ्तार हो रहा है, समय से चार्जशीट दाखिल हो रही है, लेकिन वर्षों से मामले लंबित पड़े हैं। अगर अभियोजन समय पर किया जाता है तो आरोपी को जल्द ही सजा हो सकती है। दोषी अपराधियों को सजा दिलवाने में विवेचना-अभियोजन के बीच तालमेल बेहतर होना चाहिए। अपराध बढ़ने पर कानून को भी सख्त होना होगा।’

समय से मिला हुआ न्याय ही न्यायमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समय से मिला हुआ न्याय ही न्याय कहलाता है। उन्होंने कहा कि अंतर विभागीय समन्वय से दोषियों के खिलाफ बेहतर कार्रवाई हो सकती है। जिला न्यायाधीश के साथ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बैठकर पॉस्को के मामले की वरीयता तय करें। इससे एक अपराधी को समय से दंड दिलवा सकते हैं। मुकदमों में देरी होने पर गवाह के मुकरने से लेकर पीड़ित तक निराश हो जाता है। तत्काल सजा होने पर बड़े पैमाने पर एक सकारात्मक संदेश जाता है। एक बड़े तबके तक साफ संदेश जाता है। जब तक अपराधी के मन में भय नहीं होगा, तब तक वह कानून का सम्मान नहीं करेगा। विवेचना को सही और समय के साथ ठोस तथ्यों के साथ आगे ले जाना चाहिए। कोई बेगुनाह न फंसे, लेकिन कोई अपराधी भी न बच पाए। इसलिए समय पर विवेचना करते हुए चार्जशीट दाखिल करना है। सुशासन की स्थापना में इसकी विशेष भूमिका हो सकती है।

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