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लखनऊ

गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज

बीती २5 अप्रैल को तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश ओपी मिश्रा ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, विकास वर्मा एवं अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू की जमानत स्वीकार कर ली थ

लखनऊSep 27, 2017 / 05:27 pm

shatrughan gupta

gangrape accused Gayatri Prajapati

gangrape accused Gayatri Prajapati

लखनऊ. पाक्सो एक्ट के विशेष अपर सत्र न्यायाधीश उमाशंकर शर्मा ने बुधवार को गैंगरेप के मामले में जेल में बंद प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे प्रजापति और उनके समर्थकों को बड़ा झटका लगा है।
मालूम हो कि जमानत याचिका उच्च न्यायालय से खारिज होने के बाद पुन: दाखिल पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत अर्जी पर अपर सत्र न्यायाधीश उमाशंकर शर्मा ने सुनवाई के उपरांत 27 सितंबर के लिए अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था, जिसक निर्णय आज उन्होंने सुना दिया। इसके पूर्व बीती २5 अप्रैल को तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश ओपी मिश्रा ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, विकास वर्मा एवं अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू की जमानत स्वीकार कर ली थी। उस समय अदालत पर आरोप लगाया गया था कि तीनों आरोपियों की जमानतें अभियोजन को मौका दिए बिना मंजूर की गई हैं। इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से जमानत आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी तथा गत 29 अप्रैल को जमानत आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए अंतिम निस्तारण के समय अदालत ने न केवल जमानत आदेश निरस्त कर दिया था, बल्कि यह भी कहा था कि आरोपी नए सिरे से जमानत अर्जी निचली अदालत में देने के लिए स्वतंत्र है।
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एमके सिंह का तर्क था कि अमरेंद्र सिंह एवं विकास वर्मा की जमानत अर्जियां पहले स्वीकार की गई थीं, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद जब पुन: याचिका दाखिल की गई थी, तब अदालत ने सुनवाई के उपरांत गुण दोष के आधार पर यह याचिका खारिज किया था। बहस के दौरान यह भी कहा गया था कि पत्रावली पर पर्याप्त साक्ष्य पाकर अदालत ने आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किए हैं। ऐसी स्थिति में जमानत अर्जी खारिज किए जाने योग्य है। सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले की रिपोर्ट पिछले 18 फरवरी को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गौतमपल्ली थाने पर दर्ज कराई गई थी। मालूम हो कि गायत्री प्रजापति 19 मार्च से जेल में बंद हैं।
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