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लखनऊ

धर्म जाति से परे सामूहिक विवाह में चार मुस्लिम लड़कियों का विवाह हिंदू रीति रिवाज से हुआ संपन्न

सामूहिक विवाह समारोह में चार अनाथ मुस्लिम लड़कियों का विवाह हिंदू लड़कों के साथ हिंदू रीति रिवाज से किया गया

लखनऊOct 18, 2018 / 02:40 pm

Mahendra Pratap

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धर्म जाति से परे सामूहिक विवाह में चार मुस्लिम लड़कियों का विवाह हिंदू रीति रिवाज से हुआ संपन्न

लखनऊ. देश आज हिंदू-मुस्लिम के बीच बंटा हुआ है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मजहब की सोच से ऊपर उठ एक दूसरे के साथ हैं। इसका सटीक उदाहरण हैं चार अनाथ मुस्लिम लड़कियां, जिनका विवाह हिंदू लड़कों से कराया गया। लखनऊ के महानगर स्थित कल्याण भवन में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में चार अनाथ मुस्लिम लड़कियों का विवाह हिंदू लड़कों के साथ हिंदू रीति रिवाज से किया गया। सामूहिक विवाह का आयोजन समाज कल्याण विभाग ने किया था। महिला कल्याण विभाग और समाज कल्याण विभाग ने मिलकर इस समारोह का आयोजन किया था। इस दौरान रीता बहुगुणा जोशी भी रहीं।
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यूपी के इन लड़कों से हुई शादी

समारोह में कुल 31 लड़कियों की शादी की गई, जिनमें से 27 हिंदू और 4 मुस्लिम लड़कियां थीं। 27 हिंदू लड़कियों सहित बाकी 4 मुस्लिम लड़कियों की शादी हिंदू रीति रिवाज से संपन्न हुई। पंडित ने मंत्र पढ़े और विवाह संपन्न हुआ। जिन मुस्लिम लड़कियों का विवाह हिंदू लड़कों से हुआ उनका नाम रिजवाना, नूरी, सीमा और सबा है। रिजवाना की शादी शाहजहांपुर के राजकुमार से, नूरी की शादी अलीगढ़ के बबलू से, सीमा की शादी उमेश कुमार दीक्षित से और सबा की शादी हरदोई के विजय सिंह से हुई।
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धर्म में रीति रिवाज नहीं मानतीं

हिंदू लड़कों व इस धर्म के रीति रिवाज से शादी करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 6-10 साल की उम्र में शेल्टर होम लाया गया था। हमेशा से इन लड़कियों की देखरेख शेल्टर होम में अन्य लड़कियों की ही तरह की गई। वे मुस्लिम जरूर हैं लेकिन उनका पालन पोषण हमेशा से किसी सामान्य लड़की की ही तरह की गई। बालिग होने का बाद उनकी उम्र विवाह योग्य हो गई। प्रशासन ने उनके लिए योग्य वर खोजने के लिए अखबारों में विज्ञापन दिया। सैकड़ों लड़कों ने शादी के लिए आवेदन किया, जिनमें से कुछ लड़कों को शादी के लिए चयनित किया गया। सीडीओ मनीष बंसल का इस मामले में कहना है कि किसी ने मुस्लिम लड़कियों की जाति या धर्म के बारे में नहीं पूछा। वे मुस्लिम धर्म के कोई भी रीति रिवाज नहीं मानती हैं। शादी के बाद वे अपने पति का धर्म मानेंगी। जिन मुस्लिम लड़कियों का विवाह हिंदू लड़कों से हुआ है उनमें से एक सीमा भी है। इनकी शादी से पहले इन्हें उमेश कुमार दीक्षित से मिलवाया गया था। सीमा को उमेश के बारे में बताया भी गया था। सारी बातें जानकर व सबकुछ समझकर सीमा ने खुद उमेश से शादी करने को राजी हुई।

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