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लखनऊ

अर्थ गंगा से जुड़ेगी भव्य गंगा यात्रा, जिलों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, लगेगा मंत्रियों का जमावड़ा

– पांच दिवसीय गंगा यात्रा का शुभारंभ 27 जनवरी से
– 27 जिलों की 86 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी गंगा यात्रा
– यूपी के बिजनौर और बलिया से होगा यात्रा का शुभारंभ
– योजनाओं से जुड़ेंगे यात्रा के दायरे में आने वाले जिले

लखनऊJan 26, 2020 / 01:32 pm

Karishma Lalwani

अर्थ गंगा से जुड़ेगी भव्य गंगा यात्रा, जिलों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, लगेगा मंत्रियों का जमावड़ा

अर्थ गंगा से जुड़ेगी भव्य गंगा यात्रा, जिलों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, लगेगा मंत्रियों का जमावड़ा

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पांच दिवसीय भव्य गंगा यात्रा (Ganga Yatra) का शुभारंभ 27 जनवरी से बिजनौर से होगा। यात्रा का समापन 31 जनवरी को कानपुर में होगा। गंगा यात्रा का मुख्य उद्देश्य मोदी सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना है। भाजपा सरकार गंगा यात्रा के जरिये आम जनता को गंगा स्वच्छता के बारे में जागरूक करने और उसे स्वच्छ बनाए रखने की अपनी करना चाहती है। गंगा यात्रा को अर्थ गंगा से जोड़ने की तैयारी है जिसके तहत गंगा किनारे बसे लोगों तक सरकारी की नीतियों और योजनाओं को पहुंचाना है। गंगा यात्रा प्रदेश की 86 विधानसभा क्षेत्रों, 26 लोकसभा क्षेत्रों और 27 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और आठ केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे।
दो रूटों से निकलेगी गंगा यात्रा

1199 किलोमीटर लंबी गंगा यात्रा में मंत्रियों का जमावड़ा लगा रहेगा। यात्रा का पहला रूट बिजनौर से कानपुर और दूसरा बलिया से कानपुर होकर निकलेगा। बिजनौर से कानपुर तक जाने वाली गंगा यात्रा के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान मौजूद रहेंगे। यात्रा शुरू करने पहले मुख्यमंत्री बिजनौर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद गंगा आरती से अपनी यात्रा का शुभारंभ करेंगे। इसी दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बलिया में गंगा यात्रा की शुरुआत करेंगी।
अर्थ गंगा से जुड़ेगी भव्य गंगा यात्रा, जिलों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, लगेगा मंत्रियों का जमावड़ा
28 जनवरी की सुबह 8.30 बजे मुख्यमंत्री पूजा-अर्चना कर गंगा यात्रा के साथ गढ़मुक्तेश्वर प्रस्थान कर जाएंगे। उसके बाद वे दोपहर 12.45 बजे अमरोहा में जनसभा को संबोधित करेंगे। यात्रा का अगला पड़ाव बुलन्दशहर के अनूपशहर में होगा, जहां मुख्यमंत्री ढाई बजे पहुंचेंगे। उसके बाद 29 जनवरी को गंगा यात्रा बुलंदशहर के राजघाट पहुंचेगी, जहां कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, बृजेश पाठक और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मौजूद रहेंगे। 30 जनवरी को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो मौजूद रहेंगे।
द्वितीय यात्रा का शेड्यूल

बलिया के महुली घाट से 27 जनवरी को गंगा यात्रा का दूसरा रूट शुरू होगा। इसके बाद यात्रा का अगला पड़ाव 28 जनवरी को गाजीपुर के सैदपुर और चंदौली के डोमरी में होगा। 29 जनवरी को वाराणसी में गंगा यात्रा शुरू होगी। चौथे दिन कौशाम्बी के कड़ाधाम, प्रतापगढ़ के काला कंकार, रायबरेली के लालगंज और उन्नाव जिले के बक्सर में यात्रा पूरी होगी। दोनों यात्राओं का समापन 31 जनवरी को कानपुर में होगा। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे।
योजनाओं से जुड़ेंगे जिले

यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां गंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। 24 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि भव्य गंगा यात्रा को अर्थ गंगा से जोड़ने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। यात्रा के दायरे में आने वाले 27 जिलों के सभी विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में लोगों को अवगत कराया जाएगा।
अर्थ गंगा से जुड़ेगी भव्य गंगा यात्रा, जिलों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, लगेगा मंत्रियों का जमावड़ा
गंगा यात्रा के दौरान इसके तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा बांध, गंगा पार्क, आदि का निर्माण कराया जाएगा। प्रदेश सरकार गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बावगवानी की व्यवस्थाएं, वृक्षारोपण, खेतों में फलदार पौधे लगाए जाने के साथ ही किसानों को सब्सिडी की सुविधा देना और जीरो बजट खेती से किसानों की मदद करने की नीति को आगे बढ़ाना चाहती है। ऑर्गेनिक ढंग से खेती या बागवानी करने के लिए गंगा किनारे 21 नगर निकायों और 1038 ग्राम पंचायतों को चुना गया है। इसके अलावा हल्दिया से वाराणसी तक मल्टि मॉडल टर्मिनल को अर्थ गंगा से जोड़ने की तैयारी है। मल्टी मॉडल टर्मिनल नदियों पर बना पहला ऐसा टर्मिनल है, जो कंटेनर कार्गो हैंडलिंग का काम करेगा। यह वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग और कोलकाता बंदरगाह के जरिये उत्तर भारत को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और अन्य दक्षिण एशियाई से जोड़ेगा।
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