scriptसरकार ने 300 से अधिक दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध, कम्पनियों की बढ़ी धड़कनें | generic medicine ban by health ministry | Patrika News
लखनऊ

सरकार ने 300 से अधिक दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध, कम्पनियों की बढ़ी धड़कनें

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने सिरदर्द, बदन दर्द, सर्दी और बुखार जैसी बीमारियों ठीक करने वाली जेनेरिक दवाइयों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

लखनऊSep 12, 2018 / 09:39 pm

Mahendra Pratap

Generic Medicine

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय का बड़ा फैसला, इन जेनेरिक दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध

लखनऊ. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुऐ बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली जेनेरिक दवाइयों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इन जेनेरिक दवाइयों को लोगों को सिरदर्द, बदन दर्द, सर्दी और बुखार जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। अब जल्द ही ये जेनेरिक दवाइयां बाजारों में मिलना बंद हो जाएगा। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी राज्यों में यह जेनेरिक दवाइयों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

कंपनियों को लगा जोरदार झटका

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कंपनियों ने 328 फिक्स डोज़ कॉम्बिनेशन वाली दवाओं के प्रभाव और दुष्प्रभाव का बिना अध्ययन किए ही बाजार में उतार दिया था। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन जेनेरिक दवाइयों पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले से सन फार्मा, सिप्ला, वॉकहार्ट और फाइजर जैसी कई फार्मा कंपनियों को जोरदार झटका लगा है। इसके साथ ही 6000 से अधिक बड़े ब्रांड को तगड़ा झटका लगा है।

दवाओं की जांच के बाद ही लिया गया फैसला

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बताया गया कि डीटीएबी के 328 दवाओं की जांच करने के बाद ही ये फैसला लिया गया है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के इस बैन का असर सैरिडॉन, एस-प्रॉक्सिवोन, निमिलाइड फेन, जिंटैप पी, एमक्लॉक्स, लिनॉक्स एक्स टी और जैथरिन ए एक्स जैसी दवाओं पर देखने को मिल सकता है। फिलहाल सरकार ने सिर दर्द के लिए सेरिडॉन को तो बंद कर दिया लेकिन डीकोल्‍ड टोटल, फेंसेडाइल और ग्राइलिंकट्स को बंद नहीं किया है।

प्रतिबंध के बाद भी दवाएं बेचने पर होगी कार्रवाई

बताया जा रहा है कि मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दर्द निवारक और कफ सिरप जैसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र सरकार ने ऐसी 328 दवाओं पर रोक लगा दी है। इनमें कई ऐसी दवाएं हैं, जो डॉक्टर की पर्ची के बिना ही दुकान पर मिल जाती थी। ये फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाएं हैं। इससे एबॉट, पीरामल, मैक्लिऑड्स, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कमाई प्रभावित होगी। अगर इन 328 दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी यह दवाएं मेडिकल स्टोर पर पाई जाती है तो मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी और कड़ी कार्रवाई होगी।

Home / Lucknow / सरकार ने 300 से अधिक दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध, कम्पनियों की बढ़ी धड़कनें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो