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लखनऊ

पहली बार गोरखनाथ मन्दिर में नहीं हुआ कन्या पूजन, योगी आदित्‍यनाथ आखिर क्यों हुए मजबूर

गोरखनाथ मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यहां कन्या पूजन का कार्यक्रम नहीं हुआ। मां दुर्गा इस मंदिर की कुल देवी हैं, इसलिए इनका यहां पर विशेष स्थान है। एक तो नवरात्रि, दूसरी तरफ कुल देवी, पर इस बार कोरोना वायरस ने इस परम्परा पर ब्रेक लगा दिया।

लखनऊApr 02, 2020 / 05:30 pm

Mahendra Pratap

पहली बार गोरखनाथ मन्दिर में नहीं हुआ कन्या पूजन, योगी आदित्‍यनाथ आखिर क्यों हुए मजबूर

पहली बार गोरखनाथ मन्दिर में नहीं हुआ कन्या पूजन, योगी आदित्‍यनाथ आखिर क्यों हुए मजबूर

गोरखपुर. गोरखनाथ मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यहां कन्या पूजन का कार्यक्रम नहीं हुआ। मां दुर्गा इस मंदिर की कुल देवी हैं, इसलिए इनका यहां पर विशेष स्थान है। एक तो नवरात्रि, दूसरी तरफ कुल देवी, पर इस बार कोरोना वायरस ने इस परम्परा पर ब्रेक लगा दिया।
योगी संन्‍यासी हैं और सूबे के मुखिया भी। गोरक्षपीठाधीश्‍वर और मुख्यमंत्री योगी की गैरमौजूदगी में मंदिर के प्रथम पुजारी योगी कमलनाथ ने धार्मिक अनुष्‍ठान पूरे किए। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर मंदिर में कन्या पूजन का कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया। वहीं इस बार पूरे प्रदेश में बुहत से लोगों ने आनलाइन कन्या पूजन किया, और कुछ ने आनलाइन तो कुछ ने चेक से दक्षिणा दी।
चैत और शारदीय नवरात्रि में गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही कन्याओं का पूजन करते रहे हैं। 101 कन्याओं के साथ बटुकों का भी पूजन गोरक्षनाथ मंदिर में होता रहा है। इसके बाद गरीबों को भोजन कराया जाता है।
गोरक्षपीठाधीश्‍वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने वैसे तो तमाम धार्मिक रीति-रिवाजों, परम्‍पराओं का पालन करते नज़र आते हैं लेकिन जब कभी समाज को जरूरत हो उन परम्‍पराओं को तोड़ने में हिचकते नहीं हैं। योगी आदित्‍यनाथ ने रामनवमी पर वर्षों पुरानी परम्‍परा तोड़कर यही संदेश दिया है। योगी पहले भी कुछ मौकों पर परम्‍पराएं तोड़कर नाथ पंथ की परम्‍परा निभाते रहे हैं। इस बार की होली में 24 साल पुरानी परम्‍परा तोड़ दी थी। साल 1996 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से निकाली जाने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा में शामिल होते आए हैं। लेकिन, कोरोना वायरस की वजह से इस साल इस यात्रा का हिस्सा नहीं बने।
कोरोना वायरस की वजह से पूरे प्रदेश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा हुआ है। इस वजह से गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन का कार्यक्रम आयोजन नहीं किया गया। मंदिर प्रबंधन के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि इस कन्या पूजन के लिए गोरक्षनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा कमलनाथ मंदिर के पुरोहित के साथ खुद कन्याओं के घर गए और वहीं पर उनका पूजन किया गया। बाबा कमलनाथ ने कन्याओं को टीका लगाया। इसके पहले गोरक्षनाथ मंदिर में पुरोहित ने हवन का अनुष्ठान पूर्ण कराया।

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