पशुपालन निदेशालय के प्रेक्षागृह में गौपालकों की होने वाली बैठक में गौपालक अपनी समस्याओं को बताएंगे जिनका निदान तलाशा जाएगा। इसके अलावा विभिन्न आदर्श गौशालाओं के संचालक अपने क्रियाकलापों से बैठक में मौजूद लोगों को अवगत कराएंगे। आयोग के विधिक सलाहकार योगेश कुमार मिश्रा के मुताबिक, आठ साल बाद होने वाली इस बैठक में पूरे राज्य से गौशाला संचालकों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 385 गौशालाएं पंजीकृत हैं, जिनमें से फिलहाल 68 गौशालाओं के संचालकों ने इस बैठक में आने के लिए अपनी स्वीकृति दी है।
बैठक में आयोग गौपालकों के समक्ष आने वाली समस्याओं को सुनेगा और फिर सरकार के स्तर पर इनका समाधान तलाशा जाएगा। इस दौरान गौशाला संचालक अपनी गौशाला के विकास, स्वावलंबन की दिशा में प्रगति, गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के क्रियाकलापों जैसे पंचगव्य उत्पादों का विपणन, जैविक खेती, गोबर गैस प्लांट की स्थापना आदि से सरकार को अवगत करा सकते हैं। बैठक में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम नंदन सिंह के साथ ही पशुधन मंत्री, पशुधन सचिव और पशुधन निदेशक भी शामिल होंगे।
यूपी की अर्थव्यवस्था में गौवंश का अहम रोल : आयोग के अध्यक्ष
गौसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम नंदन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं विकास में गौवंश का बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौशाला संचालकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इस बैठक का उद्देश्य उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना और समाधान निकालना है।