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लखनऊ

विश्व जनसंख्या दिवस: इन बातों पर चर्चा से आज भी हिचकते हैं लोग, शर्म से हो जाते हैं पानी-पानी

आज भी हमारे समाज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो परिवार नियोजन के बारे में बात करते ही पसीने-पसीने हो जाते हैं…

लखनऊJul 11, 2018 / 07:22 pm

नितिन श्रीवास्तव

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विश्व जनसंख्या दिवस: इन बातों से आज भी हिचकते हैं लोग, शर्म से हो जाते हैं पानी-पानी

लखनऊ. अंतरराष्‍ट्रीय जनसंख्‍या दिवस (World Population Day) हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। इसका मकसद बढ़ती जनसंख्‍या के मुद्दों को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाना है। यही वजह है कि आज के दिन बढ़ती हुई जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है। बढ़ती जनसंख्या पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। इससे कैसे निपटा जाए सरकार उसके लिए आए दिन कोई न कोई योजना बनाती रहती है। जनसंख्या रोकने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम भी उठा रही है। पूरा देश में आज के दिन तमाम जागरूकता कार्यक्रम अलग अलग तरीकों से आयोजित किये जाते हैं। लेकिन हमारे देश में संसाधनों की कमी के चलते काफी लोगों में आज भी जागरुकता की कमी है। विश्व बैंक के आंकड़ों की अगर मानें तो भारत में करीब 22 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जिनके सामने दो वक्त की रोटी का भी जुगाड़ नहीं है। ऐसी हालत में वह परिवार नियोजन के उपायों को कैसे अपनाएं, ये एक बड़ा सवाल है।
इन बातों से आज भी हिचकती है युवा पीढ़ी

वहीं देश और प्रदेश में तमाम समस्याओं को देखते हुए सरकार ने कुछ ऐसे कदम भी उठाए हैं जो लोगों को सहूलियत दे रहे हैं। दरअसल स्वास्थ्य महकमे ने जनसख्या में हो रही वृद्धि को रोकने और युवाओं को निसंकोच बनाने के लिए एक नायाब फार्मूला इजात किया है और अब तो उसका उसका पॉजिटिव रिजल्ट भी देखने को मिलने लगा है। आपको बता दें कि भले ही हम लोग अपने आप को मार्डनाइज सोसायटी का मानते हों लेकिन आज भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो परिवार नियोजन का नाम सुनते ही पसीने-पसीने हो जाते हैं। अब सोचिए जो युवा पीढ़ी आज भी इस बारे में बात करने से ही हिचकती हो तो वह परिवार नियोजन के साधनों का उपयोग करने में कितना झिझकती होगी। इसी झिझक के चलते ज्यादातर लोग परिवार नियोजन के आसान साधन को भी खरीदने या मांगने की जहमत नहीं उठाते और उनके कई बच्चे हो जाते हैं।
परिवार नियोजन का नायब तरीका

इन्हीं सब बातों पर ध्यान देते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बॉक्स रखवाए हैं। इन बॉक्सों से जरूरतमंद लोगों को आसानी हो रही है और वे बिना किसी झिझक इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी मुद्दे पर एसीएमओ डाक्टर सुनील रावत से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि आज भी कई लोग परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करने में झिझकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर युवा पीढ़ी झिझक के चलते इसका इस्तेमाल नहीं कर पती जिसके चलते कई बार महिलाओं को अनचाहे गर्भधारण भी होता है, जो जनसख्या वृद्धि के मुख्य कारणों में से एक है। इसी झिझक को खत्म करने के लिए सरकारी अस्पतालों, सीएचसी जैसी तमाम जगहों पर ये बॉक्स रखवाए गए हैं। सरकार की इस योजना का परिणाम भी काफी सकारात्मक दिख रहा है।
Government schemes for population control
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