स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने जन सुविधा केंद्रों व योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में इस योजना के पात्र लोगों को मुफ्त में कार्ड बनाकर देने के निर्देश सभी सीएमओ को दिए हैं। अभी कागज का कार्ड बनाया जा रहा है, जल्द लोगों को प्लास्टिक कार्ड दिया जाएगा। अब तक इसे गोल्डन कार्ड कहते थे, लेकिन अब इसका नाम बदलकर आयुष्मान कार्ड कर दिया गया है। फिलहाल 10 मार्च से शुरू हो रहे आयुष्मान भारत पखवाड़े में कार्ड बनाने पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि अभी तक 63 फीसद परिवार के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं। जिससे उन्हें अयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उत्तर प्रदेश में अभी तक 1.18 करोड़ परिवारों का आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और 8.43 लाख परिवारों का मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कार्ड बनाया गया है। ऐसे में छूटे हुए 1.06 करोड़ परिवारों का कार्ड बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इस योजना के पात्र एक परिवार को साल भर में पांच लाख रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
घर बैठे नहीं बनेगा आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीब लोग पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों लोगों के लिए है। इसके लिए आयुष्मान कार्ड बनवाना होता है। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आनलाइन अप्लाई करना होगा, लेकिन इसके लिए आप घर बैठे आवेदन नहीं कर सकते हैं। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए नजदीकी सीएससी सेंटर जाना होगा या फिर जिला कार्यालय में बनवा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ट, वोटर आइडी, राशन कार्ड और फोटो की आवश्यकता होती है।