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लखनऊ

दीक्षित ने वास्तव में समाज को एक अद्भुत विचार-धन दिया – राज्यपाल

विधान सभा अध्यक्ष की ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ पुस्तकों का विमोचन

लखनऊMay 20, 2019 / 04:19 pm

Anil Ankur

Governor releases book of Hridya Narayan Dixit

Governor releases book of Hridya Narayan Dixit

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज विश्वेश्वरैया हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ का विमोचन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन, कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं ‘राष्ट्रधर्म’ मासिक के संपादक प्रो0 ओम प्रकाश पाण्डेय, विधान सभा प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे, अनामिका प्रकाशन के प्रमुख विनोद कुमार शुक्ल, कार्यक्रम के संचालक और लखनऊ दूरदर्शन के आत्म प्रकाश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमीजन भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ वास्तव में समाज को दृष्टि देने वाली सामयिक एवं प्रासंगिक पुस्तक है। गीता, रामायण, कुरान, बाइबिल व अन्य पुस्तकोें के बारे में अनेक लोगों ने लिखा है, पर हर लेखक के लिखने के बाद नई-नई बातें समाने आती हैं उसी प्रकार श्री दीक्षित द्वारा रचित पुस्तकों में बड़े सहज व सरल ढ़ग से नई बातें सामने आती हैं, यही उनकी विशेषता है। उन्होंने कहा कि दीक्षित का लेखन सरल होता है पर विषय गंभीर होते हैं तथा वे सन्दर्भ भी बड़े प्रमाणिक ढ़ग से प्रस्तुत करते हैं।
नाईक ने कहा कि हृदय नारायण की अब तक 28 पुस्तकें व 5000 लेख प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी लेखनी से ईष्र्या होती है क्योंकि उनकी कलम बड़ी विनम्रता और सहजता से चलती है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने अब तक केवल अपने संस्मरण पर आधारित पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ का संकलन किया है तथा इस बात को भंली भांति समझते हैं कि पुस्तक प्रकाशित करने में कितनी पीड़ा होती है। दीक्षित ने एक समय में अपनी जुड़वां पुस्तकों का प्रकाशन किया। पूरा देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है ऐसे में श्री दीक्षित की पुस्तक के माध्यम से गांधी जी के विचारों को जानने और समझने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि श्री दीक्षित ने वास्तव में समाज को एक अद्भुत विचार-धन दिया है।

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