मछलियों को गंगा में छोडकर, दीवार गिराकर सर्वे पर सुनवाई 18 मई को
ज्ञानवापी मामले में रिपोर्ट सबमिट करने वाले मामले की सुनवाई 19 मई को फैसला देने के साथ ही दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 18 मई को होगी। इनमें मस्जिद की कुछ दीवारें गिराकर वीडियो ग्राफी कराने और वजूखाने के आसपास एरिया को सील करने की मांग की गयी है।
मंगलवार की सुबह सबसे पहले स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र दे कर सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन की मोहलत मांगी।
जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल कोर्ट में एक और याचिका दाखिल कर तीन बिंदुओं पर नए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति करते हुए जांच की मांग की। वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यानंद राय के अनुसार सिविल जज रवि दिवाकर से याचिका में मांग की गई है कि जिस जगह को सील किया गया है उस जगह पर लोग वजू करते हैं। वहां चारों तरफ नल लगे हैं। जगह सील होने से नमाजियों को दिक्कत होगी। इसलिए इन नलों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। परिसर में ही शौचालय भी है. सील होने की वजह से शौचालय भी बंद हो गया है, जिससे नमाजियों को दिक्कत होगी। मानव निर्मित तालाब के पानी में मछलियां भी हैं, सील करने की वजह से उनके जीवन को भी खतरा है।
वादी पक्ष ने मस्जिद परिसर के उन इलाकों जहां ईंट-पत्थर से रास्ता रोका गया है और दीवार खड़ी है उसे हटा कर वीडियोग्राफी कराने की मांग की। जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज (सीनियर डीविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सील क्षेत्र से कुछ छूट की मांग की।
हिंदू पक्ष से जुड़े और विश्व वैदिक सनातन के संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने शिवलिंग के चारों ओर मौजूद दीवार को हटाने की अनुमति मांगी है। ताकि पता चले कि शिवलिंग कहां तक है। इसके साथ ही मस्जिद का दरवाजा खोलने की मांग की गयी है।
ज्ञानवापी सर्वे मामले में हिंदू सेना नाम के संगठन ने सोमवार को एक अर्जी दाखिल की। उनकी मांग है कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज की जाए। ये याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दाखिल की है।