सरकारी आवास पर की ख़ुदकुशी बताया जा रहा है कि गोली चलने की आवाज आने के बाद हड़कंप मच गया। गोली चलने की आवाज के बाद लोग उसके कमरे की ओर भागे जहां वर्मा का खून से लथपथ पड़ा हुआ था। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस उसे अस्पताल ले गई जहाँ डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद मृतक के घर में कोहराम मचा हुआ है। मृतक के परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं। ख़ुदकुशी के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि ड्यूटी में व्यस्तता के कारण वे परिवार को समय नहीं दे पाते थे।
डायल 100 में थी तैनाती मृतक हेड कांस्टेबल राजरतन वर्मा की वर्तमान में हरदोई जनपद में डायल 100 में तैनाती थी। पिछले दो सालों से वर्मा की हरदोई में तैनाती थी जबकि उससे पहले तैनाती लखनऊ में रही थी। लखनऊ के आलमबाग में लोको टोल टैक्स के पास स्थित सरकारी आवास में राजरतन का परिवार रहता था। ख़ुदकुशी के पीछे पारिवारिक कारण वजह थी या फिर कामकाज से जुड़ा कोई तनाव था, इस बात की पड़ताल की जा रही है। अब तक मिली जानकारी में यह बात सामने आई है कि मृतक काम के दवाब में रहता था।
पुलिस मामले की कर रही है जांच मृतक के एक करीबी ने बताया कि ड्यूटी के दवाब में राजरतन काफी परेशान रहता था। छुट्टी न मिलने के कारण परिवार को समय नहीं दे पाता था। हालाँकि इस मामले में पुलिस का कहना कुछ और ही है। आलमबाग कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मृतक हेड कांस्टेबल किसी बीमारी से परेशान था और हो सकता है कि इसी कारण से ख़ुदकुशी कर ली हो। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रथम दृष्टया मामले को ख़ुदकुशी मानते हुए अन्य बिंदुओं से भी मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय पुलिस के साथ ही फारेंसिक की फील्ड यूनिट भी मामले की जांच में जुटी है।
राजेश साहनी ख़ुदकुशी केस की जाँच अधर में इससे पहले 29 मई को राजधानी लखनऊ में ही आतंकवाद निरोधी दस्ते के एडिशनल एसपी राजेश साहनी ने अपने दफ्तर में गोली मारकर ख़ुदकुशी कर ली थी। साहनी की ख़ुदकुशी के पीछे भी तो तरह के कारण होने के अनुमान जताये गए थे। पारिवारिक विवाद और सरकारी कामकाज के दवाब के बीच उनकी ख़ुदकुशी की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है। मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया गया है लेकिन सीबीआई अभी तक इस मामले की जांच शुरू नहीं कर सकी है।