चटनी के साथ ही, सब्जियों और सलाद में भी इसका जमकर इस्तेमाल होता है। इसमें मौजूद विटामिन ए व सी, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन ए और सी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। गर्मी हो सर्दी इसका इस्तेमाल करना हर समय शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाता है।
धनिया की पत्ती खाने का स्वाद और सेहत तो तभी अच्छा करेगी न जब बाजार से अच्छी, ताजी और सही धनिया लेकर आएं। जी हाँ सही धनिया की पत्ती, ये हम इसलिए कह रहे हैं कि आजकल बाजार में हरी धनिया के नाम पर एक ऐसी चीज बेच दी जा रही है जो देखने में तो बिलकुल धनिया की पत्ती जैसा दिखता है मगर दरअसल वो धनिया होता नहीं है। इसका आप ज्यादा इस्तेमाल कर लेंगे तो इससे अस्थमा, गले में खराश और त्वचा की बीमारी भी होने का खतरा होता है।
दरअसल आजकल बाजार में धनिया की पत्ती के साथ गाजर घास को मिलाकर बेचा जा रहा है। गाजर घास का वैज्ञानिक नाम पार्थिनियम हिस्टेरिफोरस (Parthenium Hysterophorus)है। ये देखने में बिलकुल धनिया की पत्ती जैसी होती है। मगर इसका ज्यादा मात्रा में खा लिया जाय तो गले में खराश, अस्थमा और त्वचा की बीमारियाँ होने का खतरा रहता है। चूँकि ये देखने में बिलकुल धनिया की पत्ती जैसी ही होती है तो इसे धनिया में मिलाकर बेच दिया जाता है।
वैसे अगर ध्यान से देखें तो पार्थिनियम देखने और सूँघने दोनों में धनिया से अलग होता है। जहाँ धनिया की पत्ती गोल होती है वहीं पार्सनीयम की पत्ती लंबी होती है। इनके सुगंध में भी अंतर होता है। इसलिए आगे से जब भी बाजार में हरी धनिया की पत्ती लेने जाएं तो देख और सूँघ कर लें।