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जालौन

तेज बारिश से कई जिलों में बाढ़ का खतरा, दर्जन भर लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश अब भारी बारिश से बाढ़ की चुनौती का सामना कर रहा है।

जालौनAug 22, 2019 / 06:15 pm

Neeraj Patel

तेज बारिश से कई जिलों में बाढ़ का खतरा, दर्जन भर लोगों की मौत

तेज बारिश से कई जिलों में बाढ़ का खतरा, दर्जन भर लोगों की मौत

लखनऊ. उत्तर प्रदेश अब भारी बारिश से बाढ़ की चुनौती का सामना कर रहा है। यूपी के इटावा, झांसी, कानपुर, लखनऊ के कई शहरों पर तेज बारिश से बाढ़ का खतरा मड़रा है। बुधवार व गुरुवार को हुई लागातार बारिश से कुछ प्रमुख नदियों के जलस्तर पर कमी दर्ज की गई, लेकिन कुछ जिलों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है। बुधवार व गुरुवार को प्रदेश के लखनऊ, अमेठी, रायबरेली, अयोध्या, बलरामपुर, बहराइच व कई जिलों में लगातार बारिश से कई मकान गिरे, वज्रपात हुआ, जिसमें एक दर्जन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। साथ ही कुछ लोग घायल भी हुए हैं, जिनका जिला चिकित्सालयों में इलाज किया जा रहा है।

जन-जीवन अस्त व्यस्त

उत्तर प्रदेश के झांसी, कानपुर, लखनऊ सहित आस-पास के सभी शहरों में तेजी के साथ बारिश हुई। बरिश से जहां लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली है तो वहीं दूसरी ओर जलभराव के कारण लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। लगातार कई घंटों तक बारिश होने से शहरों में यातायात व्यवस्था व्यवस्था बेहाल हो गई है और शहरों के निचले इलाकों में पानी ज्यादा भरने के कारण कुछ लोग घरों में ही कैद होने को मजबूर हो गए हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के सीनियर रिसर्च फैलो डॉ. विजय दुबे ने बताया कि इस सप्ताह लखनऊ, कानपुर व आस-पास के कई शहरों में तेज बारिश होने की संभावना है। आगामी 7 दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे।

मौसम विभाग के अनुसार बताया जा रहा है कि इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के कानपुर, बांदा, हरदोई, महोबा, चित्रकूट, कन्नौज, फतेहपुर, जालौन, घाटमपुर, उन्नाव आदि शहरों में तेज बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही बता दें कि कई शहरों में तो बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है। तो कहीं आज सुबह से शुरू हुई है। गरज चमक के साथ लगातार हुई इस बारिश से हुए जलभराव के कारण आम जन जीवन प्रभावित हुआ है। जिससे लोगों के कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल सबसे ज्यादा बारिश मानी जा रही है। आगे भी बारिश का यही हाल रहेगा।

60 मिमी. बारिश

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सप्ताहभर से बादलों की लुकाछिपी के बीच दिन का अधिकतम पारा भले ही 31 से 34 डिग्री के आस-पास दर्ज किया जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में रुक-रुक कर हुई लगभग 60 मिमी. बारिश से 24 घंटों में पारा 34 से 27 डिग्री के करीब पहुंच गया। वायुमंडल में अधिकतम आर्द्रता का स्तर 100 प्रतिशत दर्ज किया गया। 24 घंटों में लगभग सात डिग्री तक पारा कम हो गया है। ये सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस कम 27.3 डिग्री दर्ज किया गया। न्यूनतम पारा सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम 24.7 डिग्री दर्ज हुआ।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्त ने बताया कि कि मानसूनी ट्रफ प्रदेश के नजदीकी इलाकों से गुजर रही है। इसके अलावा बिहार-उत्तर प्रदेश के पास सक्रिय चल रहा कम दबाव का सिस्टम मामूली कमजोर हुआ है। इसके चलते आने वाले दो-तीन दिनों के दौरान राजधानी समेत आस-पास कहीं तेज तो कहीं धीमी बौछारें हो सकती हैं। इसके साथ ही बुन्देलखंड में भी तेज बारिश हो सकती है।

तेज बारिश का खेती पर असर

ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश को चलते पानी भरने के कारण गांवों के कच्चे रास्ते बंद हो गए हैं। जिससे लोगों के कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही तेज बारिश के होने से किसानों की तिलहन, मूंग, उड़द की फसलें पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं जिससे उनकी फसलें बेकार होने की कगार पर पहुंच गई हैं। तेज बारिश से खेत भरने के कारण ग्रामीण किसानों की भारी मात्रा में आर्थिक स्थिति खराब होने की संभावना जताई जा रही है। अगर किसानों की फसल खराब हो जाती है तो किसानों ने फसल में जितना पैसा खर्च किया है वह बेकार चला जाएगा जिससे किसानों को काफी नुकसान होगा। बुन्देलखंड में जिन किसानों ने धान की खेती कर रखी है उनके लिए इस बारिश का होना लाभकारी है क्योंकि धान की खेती के लिए सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती हैं। इसलिए धान की खेती करने वाले किसानों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। इस सीजन में तेज बारिश से तिलहन, मूंग, उड़द की फसलों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है लेकिन धान की फसल पर तेज बारिश का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।

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