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लखनऊ

पढ़ाई के अलावा शिक्षकों से नहीं कराया जाएगा कोई कार्य, हाईकोर्ट ने लिया बड़ा फैसला

बच्चों के भविष्य को देखते हुए हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिए है कि स्कूलों में पढ़ा रहे टीचरों की ड्यूटी शैक्षणिक कार्यों में भी नहीं लगाई जाए।

लखनऊMay 18, 2018 / 03:28 pm

Mahendra Pratap

high court big decision for future of student

पढ़ाई के अलावा शिक्षकों से नहीं कराया जाएगा कोई कार्य, हाईकोर्ट ने लिया बड़ा फैसला

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आपने देखा होगा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे टीचरों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में भी लगाई जा रही है। जिससे लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश के बच्चों के भविष्य पर प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए बच्चों के भविष्य को देखते हुए हाईकोर्ट ने यूपी के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारी को सख्त निर्देश दिए है कि स्कूलों में पढ़ा रहे टीचरों की ड्यूटी शैक्षणिक कार्यों में भी नहीं लगाई जाए। ऐसा होने पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम आरटीई एक्ट की धारी 27 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षकों का प्रत्यावेदन नियमानुसार निस्तारित करें

यूपी में शिक्षकों के माध्यम से जो कार्य लिया जा रहा है। उसके खिलाफ हाई कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा था कि याचिका के संबंधित जिलों के याचीगण के संबंधित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह शिक्षकों का प्रत्यावेदन नियमानुसार निस्तारित करें और भाई आरटीई एक्ट के प्रावधानों से उनसे कोई काम न लिया जाए। अगर ऐसा होता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता

प्रदेश के अधिकारी शिक्षकों से उनसे बीएलओ और अन्य तमाम कार्यों को ले रहे हैं जबकि अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 की धारा 27 और इस संबंध में बनी नियमावली के नियम 313 प्रावधान है। कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। एक्ट के प्रावधानों के अनुसार शिक्षकों से सिर्फ 10 वर्ष में होने वाली जनगणना और स्थानीय निकाय या लोकसभा विधानसभा चुनाव का कार्य लिया जा सकता है।

कोर्ट ने दिया यह आदेश

कोर्ट ने कहा है कि एक्ट के प्रावधानों को देखते हुए अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के प्रशिक्षण लेने का आदेश अनुचित है कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह अपनी शिकायतें संबंधित डीएम और बीएसए के समक्ष रखें। अधिकारी उस पर आरटीई एक्ट की धारा 27 के प्रावधानों के मद्देनजर निर्णय लें।

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