हाईकोर्ट ने दिया झटका
हाईकोर्ट ने यह मामला खुद संज्ञान में लेते हुए सुनवाई की है। कोर्ट ने फैसला सुनते है होटल बनाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से भी इस बारे में सवाल भी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि हाई सिक्योरिटी जोन में होटल निर्माण की इजाजत कैसे दी गयी? इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित की गयी हैं। वहीं इस मामले के याचिका कर्ता शिशिर चतुर्वेदी को कोर्ट ने सुरक्षा देने के भी आदेश दिए है।
अखिलेश यादव के कथित होटल के खिलाफ पीआईएल दाखिल की थी
बता दें कि 17 अगस्त को जनहित याचिका दाखिल की गई थी। लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग जैसे हाई सेक्युरिटी जोन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कथित होटल के खिलाफ पीआईएल दाखिल की गयी है। इसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव, मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट समेत कुल 13 लोगों को पार्टी बनाया। हाईकोर्ट में याचिका देने वाले अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी का आरोप है कि उन पर अपनी पीआईएल वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कई लोग उन पर लगातार मोबाइल पर अपनी याचिका वापस लेने के लिए कह रहे हैं। वहीं याचिकाकर्ता ने खुद की जान को खतरा में बताया है।
हज़रतगंज इलाके में बनना था अखिलेश का होटल
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ के राजनीति के बाद राजधानी लखनऊ में एक शानदार होटल बनाने की खबरें चर्चा जोरों पर है। चर्चाएं यह थी कि इस होटल में अखिलेश के साथ साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव की भी आधी हिस्सेदारी होगी। यह जानकारी तब सामने आई है, जब अखिलेश और डिंपल की ओर से होटेल का नक्शा पास कराने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पास आवेदन किया। लेकिन होटल बनाने की कवायद शुरू भी नहीं हुई कि विवाद पहले ही शुरू हो गया। अखिलेश यादव और डिम्पल यादव के नाम पर 1 ए विक्रमादित्य मार्ग पर 2005 में 39 लाख रूपए में जमीन खरीदी थी। अब इसकी कीमत करोड़ों में पहुंच चुकी है।