केजीएमयू ने आरटीआई में नहीं दी थी जानकारी याची हरिशंकर पाण्डेय ने बताया कि उन्होंने आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी मांगी थी कि करोड़ों रूपये खर्च कर बनाये गए ऑर्गन ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट में पिछले चार सालों में कितने ट्रांसप्लांट किये गए, इस बात की जानकारी दी जाये। इसके साथ ही यह मानक भी पूछा था कि किसी को किडनी या लीवर उपलब्ध कराने के लिए कौन से मानक बनाये गए हैं। साथ ही यह भी जानकारी मांगी थी कि यह विभाग वर्तमान समय में सक्रिय क्यों नहीं है। पांडेय के मुताबिक आरटीआई में केजीएमयू ने उन्हे कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की।
एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश कोर्ट ने इस मामले में याची को केजीएमयू के कुलपति के शपथ पत्र दाखिल हो जाने के बाद एक सप्ताह में काउंटर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। साथ ही इस मामले की सुनवाई के लिए इसे टॉप फाइव की लिस्ट में रखने को कहा है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस मोईन अब्दुल अंसारी की पीठ ने यह आदेश जारी किया है।