सीएम योगी ने 2018 में प्रदेश में पर्यटन नीति तैयार कराई थी। उसी का नतीजा है कि पिछले कुछ सालों में पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में पर्यटकों से लेकर निवेश में भी वृद्धि हुई है। सीएम योगी के पिछले कार्यकाल में पर्यटन विकास की करीब तीन हजार करोड़ रुपए की 1084 परियोजनाएं धरातल पर उतरी हैं। जबकि 2012 से 2017 तक मात्र 820 करोड़ की 222 परियोजनाएं ही धरातल पर उतर पाई थीं। कोरोना के बावजूद 2017 से 2021 तक प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। प्रदेश में 125 करोड़ से अधिक भारतीय पर्यटक और सवा करोड़ से अधिक विदेशी पर्यटक आए हैं। पर्यटकों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश में होटलों और कमरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 2017 से 2019 तक होटलों में 45 सौ से अधिक नए कमरे बने हैं।
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रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बाद आज से मिलेगी राहत, दो दिन तेज आंधी के साथ बारिश की चेतावनी जारी जीबीसी थ्री में रखी जाएगी आधारशिला जीबीसी थ्री में करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से गोरखपुर में तीन नए होटल की आधारशिला रखी जाएगी। ऐसे ही बरेली में 70 करोड़ की लागत से तीन होटल, मेरठ में 94 करोड़ की लागत से वेलनेस टूरिज्म और आगरा में 66 करोड़ की लागत से ताज होटल और कन्वेंसन सेंटर बनने जा रहा है।
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अयोध्या की राह चला ज्ञानवापी प्रकरण, तैयार होगा मानचित्र जीबीसी थ्री की प्रमुख परियोजनाएं – मेरठ में 94 करोड़ की लागत से वेलनेस टूरिज्म का – आगरा में 66 करोड़ की लागत से ताज होटल और कन्वेंसन सेंटर
– गाजियाबाद में 43 करोड़ की लागत से वेदांतम होटल – मुजफ्फरनगर में 20 करोड़ की लागत से होटल आईवीरा – वृंदावन में 17 करोड़ की लागत से होटल आनंदा हेरिटेज – बरेली में 28 करोड़ की लागत से पार्क इन रेडिसन ब्लू
– बरेली में 22 करोड़ की लागत से रमाडा इनकोर – बरेली में 20 करोड़ की लागत से छाबरा एसोसिएट्स – गोरखपुर में 36 करोड़ की लागत से रेडिसन ब्लू – गोरखपुर में 30 करोड़ की लागत से होटल साकेत कुंज
– गोरखपुर में 83 करोड़ की लागत से होटल कोटयार्ड द्वारा मैरिएट – वाराणसी में 22 करोड़ की लागत से कपूर्स होटल