बता दें कि योगी सरकार ने इस वर्ष वार्षिक कैलेंडर में तमाम अवकाश खत्म कर दिए हैं। सरकार का मानना है कि महापुरुषों की जयंती पर विद्यालय बंद नहीं होना चाहिए, बल्कि बच्चों को महापुरुष का कृतित्व व व्यक्तित्व बताया जाना चाहिए। इसके बाद भी शुक्रवार से सोशल मीडिया पर पिछले वर्षों की अवकाश तालिकाओं को पोस्ट करके स्कूलों में छुट्टी होने का दुष्प्रचार किया जा रहा था। परिषद सचिव के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने सभी बीएसए को पत्र लिखा है।
15 महापुरुषों की जयंती व बलिदान दिवस पर अवकाश रद्द किए गए जानकारी हो कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल 15 महापुरुषों की जयंती व बलिदान दिवस पर घोषित सार्वजनिक अवकाश रद्द कर दिए थें। सरकार के इस फैसले को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। इनको सार्वजनिक अवकाश की सूची से हटाकर निर्बंधित अवकाश की सूची में शामिल कर लिया गया था। खास बात यह है कि ये सभी छुट्टियां सपा सरकार के समय घोषित की गई थीं।
जानिए शिक्षकों की राय शिक्षकों ने छुट्टियों को रद्द करने संबंधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को सराहनीय बताते हुए इसकी प्रशंसा की है। शिक्षकों का कहना है कि इससे स्कूलों में जहां बच्चों को महापुरुषों के बारे में जानकारी मिलेगी वहीं पढ़ाई होने से उनके शैक्षिक स्तर में भी सुधार आएगा। मुख्यमंत्री के फैसले को लेकर जब शिक्षकों से बात की गई तो उन्होंने इस तरह अपनी राय व्यक्त की..
गोमती नगर निवासी मधु सिंह का कहना हैं कि मुख्यमंत्री द्वारा छुट्टियां रद्द करने का फैसला सराहनीय है। छुट्टियां रद्द होने से सीधा लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा। इससे शिक्षा बेहतर होगी और रिजल्ट भी बेहतर आएगा। स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।