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लखनऊ

एचआईवी की चपेट में हैं यूपी के 123000 से अधिक लोग

उत्तर प्रदेश में एचआईवी मरीजो की संख्या 123000 है तथा 64000 लोग एआरटी पर पंजिकृत है।

लखनऊNov 30, 2017 / 07:55 pm

Laxmi Narayan

hiv aids
लखनऊ. विश्व एड्स दिवस जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग एवं एपीआई यूपी चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में एआरटी प्लस सेण्टर केजीएमयू में 30 नवंबर को केअर ऐंजल नर्स का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में चिकित्सा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की एक नर्स को केअर एंजेल के तौर पर नामित किया गया है जिससे चिकित्सा विश्वविद्यालय में आने वाले एचआईवी और एड्स के मरीजो को बेहतर उपचार दिया जा सके।
चिकित्सा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों मे कई ऐसे मरीज भर्ती होते है जिनके बारे मे पहले से एचआईवी या एड्स की जानकारी नही होती है। ऐसे मरीज जब विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में भर्ती होते है तो जांच मे एचआईवी या एड्स की पुष्टि होने पर केअर एंजेल नर्स द्वारा उन मरीजो की जानकारी तत्काल एआरटी सेण्टर को उपलब्ध कराई जाती है जिससे उन मरीजो के उपचार में सुविधा हो जाती है।
कार्यक्रम में केजीएमयू के एआरटी प्लस सेंटर के नोडल अधिकारी डॉक्टर डी हिमांशु द्वारा एचआईवी और एड्स के उपचार में अपडेटेड गाइड लाइन पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। डॉक्टर हिमांशु ने बताया कि पिछले एक साल में एचआईवी या एड्स की दवाओं में काफी बदलाव आ गया है। पहले ऐसे मरीजो की जांच में सीडी 4 घटने पर दवा चलाई जाती थी लेकिन अब ऐसा नही है। अब जांच में एचआईवी या एड्स की पुष्टि होने के तुरन्त बाद ‘टेस्ट एण्ड ट्रीटमेंट पाॅलिसी’ के तहत उनका इलाज प्रारम्भ कर दिया जाता है।
इस प्रकार कार्यक्रम में डॉक्टर डी हिमांशु ने एचआईवी और एड्स के उपचार की नवीन विधियों एव एचआईवी मरीजो कोदिए जाने वाले बेहतर उपचार तरीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष एचआईवी या एड्स के नये मरीजो में 66 प्रतिशत की गिरावट हो गयी है और इस बीमारी की वजह से होने वाली मृत्यु दर में भी 35 प्रतिशत की कमी देखी गई है। भारत में इस बीमारी के उपचार और रोकथाम में सफलता की दर, विश्व के अन्य देशों की तुलना में ज्यादा सराहनीय है। देश मे कुल मरीजो की संख्या करीब 21 लाख है जो कि दुनिया में दूसरे नम्बर पर है।
उत्तर प्रदेश में एचआईवी मरीजो की संख्या 123000 है तथा 64000 लोग एआरटी पर पंजिकृत है। शेष मरीजो को एआरटी सेण्टर पर लाने का प्रयास चल रहा है। प्रदेश में साल 2017-18 में एचआईवी से संक्रमित 600 महिलाएं विभिन्न एआरटी सेण्टरों से दवाएं ले रही है। एचआईवी से संक्रमित टीबी के करीब 2000 मरीज है जो कि एआरटी सेण्टरों से दवा ले रहे है। पूरे यूपी में 38 एआरटी सेण्टर एवं 5 एआरटी प्लस सेण्टर है जो कि मेडिकल काॅलेज, जिला अस्पतालों एवं सीएचसी व पीएचसी लेवल पर है।
एआरटी प्लस सेण्टर केजीएमयू में 7511 मरीज पंजीकृत है जिनमे 4813 मरीज एआरटी की दवा ले रहे है। करीब 300 एचआईवी संक्रमित संक्रमीत गर्भवती महिलाएं पंजीकृत हो चुकी है। इनमें से केवल 5 बच्चों मे एचआईवी का संक्रमण पाया गया है। एआरटी प्लस सेण्टर में करीब 94 सेकण्ड लाईन के मरीज है। एचआईवी की दवा अब ज्यादा सुरक्षित है तथा इन्हे अब दिन में केवल एक बार लेना पड़ता है।

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