बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि भारत नेट (फाइबर टू द होम) प्रोजेक्ट के पहले चरण में चयनित इन 27,944 ग्राम पंचायतों के परिषदीय स्कूलों को अविलंब फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाए। बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों के वर्चस्व के बीच बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों को भी डिजिटल तकनीक से जोडऩे की कोशिश में जुटा है। इनोवेटिव लर्निंग और विद्यालयों के प्रबंधन में आइटी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए विभाग जहां प्रत्येक स्कूल को टैबलेट मुहैया कराने जा रहा है, वहीं उसने सामुदायिक सहभागिता के जरिए भी स्कूलों में डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
स्कूलों में बिजली की कनेक्टिविटी और बैकअप की व्यवस्था हो
सभी बीएसए से कहा गया कि सीएससी प्रतिनिधियों के विद्यालय परिसर तक पहुंचने और सर्वे कार्य कराने के लिए समय से स्कूल खुलवाएं जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालय परिसर में बिजली की कनेक्टिविटी और बैकअप की उचित व्यवस्था हो। इंटरनेट उपकरणों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में माकूल इंतजाम किए जाएं। ग्राहक आवेदन पंजीकरण के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक की ओर से पहचान पत्र मुहैया कराया जाए। संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के नाम और फोन नंबर सीएससी के अधिकारियों को सुलभ संदर्भ के लिए उपलब्ध कराए जाएं। केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भारत नेट (फाइबर टू द होम ) प्रोजेक्ट के तहत देश की सभी ग्राम पंचायतों और उनके दायरे में आने वाले स्कूलों को फाइबर नेट से जोड़ने की योजना है। केंद्र सरकार ने योजना को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी सीएससी को सौंपी है।