डाकघर के खाताधारकों को जमाराशि पर मिलने वाली मासिक ब्याज योजना लुभाती है। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि को डाकघर में जमा कर उसके मासिक ब्याज को इस योजना के ग्राहक पेंशन की तरह इस्तेमाल करते हैं। Post Office Monthly Income Scheme) निवेशकों को हर महीने एक तय रकम कमाई का मौका देती है। इस स्कीम (MIS) में आप अपनी बचत का एक्स्ट्रा पैसा लगा सकते हैं। सुलतानपुर के प्रधान डाकघर के हेड पोस्ट मास्टर पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि डाकघर की स्कीम होने के नाते आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित होता है और निवेश पर सरकार 100 फीसदी सरकार सुरक्षा की गारंटी लेती है। उन्होंने बताया कि मंथली इनकम स्कीम 5 वर्षों के लिए है, जिसे 5-5 सालों के आगे बढ़ा जा सकता है।
मिलता है 6.6 फीसदी ब्याज
पोस्ट ऑफिस द्वारा संचालित मंथली इनकम स्कीम एक तरह की पेंशन स्कीम है। इसमें एकमुश्त पैसा जमा करके अपने लिए मंथली इनकम की व्यवस्था कर सकते हैं। इस स्कीम की सबसे खूबी यह है कि स्कीम की अवधि पूरी होने के बाद आपको अपने पूरे पैसे भी वापस मिल जाते हैं और आपके पैसे पर 6.6 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलता रहता है।
पोस्ट ऑफिस द्वारा संचालित मंथली इनकम स्कीम एक तरह की पेंशन स्कीम है। इसमें एकमुश्त पैसा जमा करके अपने लिए मंथली इनकम की व्यवस्था कर सकते हैं। इस स्कीम की सबसे खूबी यह है कि स्कीम की अवधि पूरी होने के बाद आपको अपने पूरे पैसे भी वापस मिल जाते हैं और आपके पैसे पर 6.6 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलता रहता है।
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5 हजार रुपए की नियमित आय
हेड पोस्टमास्टर ने बताया कि मंथली इनकम स्कीम में कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4.5 लाख रुपये जमा कर सकता है। ऐसे में जमा रकम पर मिलने वाली ब्याज की रकम 29 हजार 700 रुपये होती है। इसे 12 महीनों में बराबर बांटने पर प्रतिमाह यह रकम 2475 रुपए होगी। ऐसे ही ज्वाइंट अकाउंट में 9 लाख रुपए जमा करने पर प्रतिमाह करीब पांच हजार रुपए (4950) मिलेंगे। लेकिन, अगर कोई रकम नहीं निकालता है तो उस राशि पर उसे चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है
डाकघरों में निवेश के बड़े राज्य
राज्यवार – वर्ष 16-17 – वर्ष 17-18
पश्चिम बंगाल – 62,419 – 77,696
उत्तर प्रदेश- 50,048 – 60,156
गुजरात – 35,684 – 39,193
महाराष्ट्र – 34,223 -37,937
बिहार- 20,565 – 25,586
राजस्थान- 16,383 – 16,606
मध्यप्रदेश- 12519 – 14,082
छत्तीसगढ़- 5661 – 4057
कुल (सभी राज्य)- 4,27,357 – 4,87,876
राज्यवार – वर्ष 16-17 – वर्ष 17-18
पश्चिम बंगाल – 62,419 – 77,696
उत्तर प्रदेश- 50,048 – 60,156
गुजरात – 35,684 – 39,193
महाराष्ट्र – 34,223 -37,937
बिहार- 20,565 – 25,586
राजस्थान- 16,383 – 16,606
मध्यप्रदेश- 12519 – 14,082
छत्तीसगढ़- 5661 – 4057
कुल (सभी राज्य)- 4,27,357 – 4,87,876
(राशि करोड़ में स्त्रोत- नेशनल सेविंग इंस्टीट्यूट, डाकतार विभाग)
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