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लखनऊ

खुलासा: आईएस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं यूपी के युवा, 70 युवाओं की जिंदगी बदलने में जुटी एटीएस

देश में आईएस से संपर्क रखने वाले पकड़े गए युवाओं में यूपी टॉप पर।

लखनऊDec 28, 2017 / 05:04 pm

Dhirendra Singh

ISIS terrorist

ISIS terrorist

लखनऊ. आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) अपनी पकड़ सिर्फ विदेशों में नहीं, बल्कि भारत के कई राज्यों में मजबूत कर रहा है। आईएस के सबसे आसान टारगेट युवा वर्ग बनते जा रहे हैं। जिन्हें वह अपनी फौज में शामिल कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के उत्तर प्रदेश राज्य से 2017 के दौरान सबसे ज्यादा युवा आईएस आतंकी संगठन के संपर्क में आए। इन्हें देश की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा। जो कि आईएस के लिए यूपी समेत देश के अन्य हिस्सों में जमीन तैयार कर रहे थे।

युवाओं को जिहाद के नाम पर बरगला रहे
देश में आतंकी संगठन युवाओं को जिहाद के नाम पर बरगलाने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश पिछले कुछ सालों से आतंकी संगठनों के लिए सबसे बड़ा गढ़ बनता जा रहा है। यहां आईएस समेत विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़े लोग युवाओं को बहका कर आतंकवाद की तरफ ले जा रहा है। इसका सबसे बड़ा खुलासा एक रिपोर्ट से हुआ है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने देश भर में 14 राज्यों से आईएस से जुड़े 103 युवाओं को गिरफ्तार किया। यह सभी किसी न किसी तरह आतंकी संगठनों के लिए जासूसी, नए युवाओं को तैयार करने और संगठन की स्थिति को मजबूूत करने में जुटे हुए थे।

यूपी के लिए आईएस का सबसे बड़ा खतरा
आईएस यूपी में अपने संगठन को मजबूत करने में खास दिलचस्पी दिखा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए 103 आईएस एजेंट में सबसे ज्यादा युवा उत्तर प्रदेश से थे। करीब 17 आईएस एजेंट यूपी में एक्टिव थे, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा। वहीं महाराष्ट्र और तेलंगाना से 16-16 एजेंटों को पकड़ा गया। तीसरे नंबर पर केरल राज्य रहा, जहां से 14 युवा आईएस के लिए काम कर रहे थे।

इंटरनेट के माध्यम से हो रहा संपर्क
अब तक सुरक्षा एजेंसियों ने जांच में कई बार पाया है कि आतंकी संगठन युवा और बेरोजगारों को अपना निशाना ज्यादा बनाते हैं। इनसे इंटरनेट और विभिन्न एप के जरिये संपर्क होता है। धीरे-धीरे आतंकवाद से जुड़ी सामाग्री उपलब्ध करा बरगलाते हैं। वहीं बेरोजगार और गरीबी युवा वर्ग को बहकाने में आतंकवादी संगठन कामयाब होते दिख रहे हैं। यूपी के कई पिछड़े इलाके से साल 2017 में यूपी एटीएस ने भी कई आतंकियों को पकड़ा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
एसएसपी यूपी एटीएस उमेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि युवा कई बार जल्दी बहक जाते हैं।एटीएस इंटरनेट व उन सभी माध्यमों पर ध्यान रख रही है, जहां से आतंकी संगठन लोगों से संपर्क बनाने की कोशिश करते हैं।

एटीएस का घर वापसी प्रोग्राम कारगर
यूपी एटीएस अप्रैल 2017 में ही आतंकवाद की राह पर भटने की कागार पर खड़े लोगों के लिए घर वापसी प्रोग्राम शुरु किया था। इसके तहत यूपी एटीएस ने हेल्पलाइन नंबर 0522 2304586 और 9792103156 जारी किया था। जिस पर भटके हुए लोगों के परिवार, परिचित व दोस्तों की तरफ से जून तक 125 फोन आए और उन्होंने एटीएस को अहम जानकारी दी। फिर एटीएस ने उन युवाओं समेत अन्य की कॉउसलिंग की। इसमें से सात की जून माह में सीरियस केस के तहत कॉउसलिंग हुई। सबकी कॉउसलिंग शिक्षा, रोजगार ?, धर्म के सही ज्ञान के आधार पर हुई। ज्यादातर युवा इसके बाद वापस सामान्य होकर लौटें।

70 लोगों को आंतकी बनने से रोकने की कवायद
एसएसपी यूपी एटीएस उमेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक इस समय करीब 70 लोगों की यूपी एटीएस कॉउसलिंग कर रही है, जो कि पूरी तरह भटकने की कागार पर थे। इनकी पहचान गुप्त रखी जाती है। ताकि वह वापस सही रास्ते पर लौट सके और उन्हें कॉउसलिंग के बाद किसी परेशानी का समाना न करना पड़े। साथ ही यूपी एटीएस कॉउसलिंग के बाद बाहर निकलने वाले उन सभी लोगों पर कुछ समय तक लगातार नज़र भी रखेगी, ताकि वह दोबारा उसी रास्ते पर न पहुंच जाए।

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