हर वक्त सक्रिय रहने और मनोरंजक गतिविधियों में व्यस्त रखने के साथ ही सकारात्मक विचारों से तनाव व चिंता से आसानी से बचा जा सकता है । विपरीत परिस्थितियों में सिगरेट, तम्बाकू या शराब का सहारा कदापि न लें, ऐसा करना शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है । डॉ. त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना काल में तमाम तरह के बदलावों का हर दिन – हर किसी को सामना करना पड़ रहा है । ऐसे बदलावों के दौर में संतुलन बनाना बेहद जरूरी है ।
कोरोना वायरस की जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती या मुकम्मल इलाज की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक जरूरी सावधानी बरतना ही उससे बचाव का सही तरीका है । इसलिए जब भी बाहर निकलें मास्क जरूर लगाएं, हाथों को साबुन-पानी से बार-बार धोते रहें, भीडभाड वाले स्थानों पर जाने से बचें, बाहर हर किसी से भी दो गज की दूरी बनाकर रखें, खांसते – छींकते वक्त टिश्यु पेपर या नैपकिन का इस्तेमाल करें । नियमित रूप से व्यायाम और योगा करें । खानपान का खास ख्याल रखें, भोजन में उन पोषक तत्वों को जरूर शामिल करें जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को बढाने वाले हों ।
जो है भरोसे के काबिल-उसको ही बातों में करें शामिल कोरोना को लेकर जिन्दगी में आये ठहराव के साथ ही तमाम बदलाव के चलते मन में तरह-तरह के सवाल पैदा होना लाजिमी है । ऐसे में जिस पर आप सबसे अधिक भरोसा करते हैं, उससे अपने दिल की बात साझा करें । ऐसा करने से मन से चिंता और तनाव कम हो सकता है । किसी भी बात को लेकर दिमाग में लम्बे समय तक चलने वाली उधेड़बुन को ख़त्म करने का यह बड़ा ही सटीक जरिया बन सकता है ।
सही सूचना ही स्वीकारें-गलत को नकारें कोरोना काल में विश्वसनीय सूत्रों से मिलने वाली सूचनाओं को ही मानना जरूरी है, गलत व भ्रामक सूचनाएं किसी को भी दिक्कत में डाल सकती हैं । इसलिए सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा न करें और सरकार व विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर दी जाने वालीं सूचनाओं को पुख्ता मानना चाहिए । कोरोना की चपेट में आने से बचने के लिए सुने-सुनाये नुस्खे को आजमाने से पूरी तरह से बचना चाहिए ।
फोन मिलाएं – समस्या का समाधान पाएं अगर आप तनाव या चिंता महसूस कर रहे हैं तो राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (NIMHANS) के टोल फ्री नंबर- 080-46110007 पर कॉल करके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं ।