गुणवत्ता सुधारने के लिए फैसला आपको बता दें कि प्रदेश में 307 राजकीय,12 महिला व 2931 निजी आईटीआई हैं। लगातार गिर रही प्रशिक्षण गुणवत्ता सुधारने के लिए आईटीआई के निजीकरण का फैसला लिया गया है। माना जा रहा है कि निजीकरण के बाद छात्रों को अत्याधुनिक मशीनों के जरिए नई तकनीक सीखने का मौका मिलेगा। वहीं आईटीआई के डिप्टी डायरेक्टर सुनील श्रीवास्तव का कहना है कि निजी हाथों में जाने के बाद शिक्षा और प्रैक्टिकल के स्तर में सुधार होगा। हालांकि सभी आईटीआई का पाठ्यक्रम एक ही रहेगा। सभी संस्थाओं की सूची फाइनल हो गई है। अगले सत्र से प्रवेश शुरू होने की पूरी उम्मीद है।