ये भी पढ़ें- Uttar Pradesh Assembly election 2022: यूपी में भाजपा के ब्राह्मण चेहरा हो सकते हैं जितिन प्रसाद जितिन प्रसाद का गृह जनपद धौरहरा, लखीमपुर और शाहजहांपुर है। यह तराई बेल्ट जिसमें बरेली से लेकर कर पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, शाहजहांपुर तक आता है, वहां जितिन प्रसाद की पहचान बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में है। हालांकि राजनीतिक विश्लेशकों का कहना है कि 2014 के बाद वह लगातार सभी चुनाव में हारते गए। दो बार वह लोकसभा चुनाव में हारे, 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें करारी हाल मिली। साथ ही हाल के पंचायच चुनावों में भी वह पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को जिताने में भी वे कामयाब नहीं हुए। मतलब बीते छह-सात वर्षों में वह ब्राह्मण चेहरा होते हुए भी कांग्रेस या खुद के लिए कोई चमत्कार नहीं कर पाए, न कोई खास फायदा दिला पाए। अब भाजपा में जाने के बाद उनकी किस्मत किस तरह बदलती है व कांग्रेस को कितना वो नुकसान पहुंचाते है यह आने वाला वक्त बताएगा।
ये भी पढ़ें- ब्राह्मण चेहरा जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने से सीएम योगी खुश, कहा- अब पार्टी को मिलेगी मजबूती रीता व जगदंबिका के बाद जितिन पर था दारोमगार- रीता बहुगुणा जोशी व जगदंबिका पाल जैसे बड़े ब्राह्मण चेहरों का कांग्रेस से भाजपा में जाने के बाद जितिन प्रसाद पर दारोमदार बढ़ गया था। बावजूद उनकी अनदेखी कांग्रेस आलकमान करता गया। उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरों की बात करें तो प्रियंका गांधी, प्रमोद तिवारी व आराधना शुक्ला उनमें प्रमुख हैं।
प्रियंका गांधी से बड़ा कोई चेहरा नहीं- यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि जितिन प्रसाद के जाने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जो व्यक्ति अपनी सीट नहीं बचा पाया, उसके जाने से भला पार्टी को क्या नुकसान होगा। जितिन प्रसाद ने कांग्रेस के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि यूपी में प्रियंका गांधी से बड़ा कोई चेहरा नहीं हैै।
दूर होते गए ब्राह्मण- राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने मंडल कमीशन लागू होने से पूर्व ब्राह्मणों को आठ बार यूपी का सीएम बनवाया, जिनमें से तीन बार नारायण दत्त तिवारी, तो पांच बार अन्य ब्राह्मण नेता सीएम की कुर्सी पर बैठे। लेकिन 5 दिसंबर 1989 के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सत्ता से जैसे-जैसे दूर होती गई, वैसे-वैसे ब्राह्मण वोट भी पार्टी से खिसकता गया और अन्य दलों को समर्थन देता गया।