‘न मेरा तन रिटायर है न मन’
कल्याण सिंह ने कहा कि ‘न मेरा तन रिटायर है न मन’। राजनीति जनसेवा का सशक्त माध्यम है। इससे रिटायर होने का मतलब जनसेवा से खुद को अलग करना है, वे स्वयं को इससे कभी विमुक्त नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि भविष्य में वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। बहुत चुनाव लड़ चुके हैं, हर बार कार्यकर्ताओं ने प्यार दिया, यही उनकी पूंजी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा-बसपा अपना जनाधार खो चुकी हैं। जब किसी दल या नेता का जनता में विश्वास टूट जाता है तो वह खड़ा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वे कभी उत्तर प्रदेश से दूर नहीं हुए। राजस्थान के राज्यपाल के तौर पर भी पूरे पांच वर्ष हर रोज इंटरनेट पर डेढ़ घंटे तक प्रदेश के हर जिले की जानकारी लेते रहे। कल्याण सिंह ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है, यहां तक कि दोनों के विकल्प के लिए कोई पात्र भी नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते ढाई वर्ष में गांव, गरीब और किसान के हित में अनेक योजनाएं और परियोजनाएं लागू हुई हैं। प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था का प्रमाण है कि यूपी जैसे संवेदनशील प्रदेश में बीते ढाई वर्ष में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ।
बंसल संगठन तंत्र के कुशल कारीगर
कल्याण सिंह ने भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल की तारीफ करते हुए उन्हें संगठन तंत्र का कुशल कारीगर और राजनीतिक मशीनरी का एक्सपर्ट इंजीनियर बताया। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी, स्वतंत्र देव और बंसल की देखरेख में भाजपा बहुत आगे बढ़ी है। कल्याण ने कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने अच्छा काम किया है और अच्छे निर्णय लेकर जनता का दिल जीता है। ऐसे में कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि वे अपने विचार, व्यवहार, वाणी में संयम बरतते हुए पार्टी को मजबूत बनाएं। कल्याण सिंह ने कहा कि उन्होंने राजस्थान में राज्यपाल के तौर पर 42 साल का मिथक तोड़ा है। बीते 42 वर्षों में वहां किसी राज्यपाल ने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया, लेकिन वे 5 साल 6 दिन राज्यपाल रहे।