उत्तर प्रदेश की योगी सरकार-2.0 का पूरा फोकस भूमाफिया व अवैध कब्जेदारों के खिलाफ है। शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बुलडोजर गरज रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अफसर भूमाफिया को लेकर लापरवाह हैं। जब सूची देखी जाती तो 72 नामों में पांच के आगे मृतक लिखकर खानापूरी नहीं की गई होती। सफीपुर निवासी कुलवंत सिंह की भी मौत हो चुकी है। उनका भी नाम लिस्ट में है। इतना जरूर है कि सूची में इनके नाम के आगे मृत नहीं लिखा है। ऐसे में जिम्मेदार किसको ठहाराय जाए। जिलाधिकारी नेहा शर्मा कहती हैं कि भूमाफिया व अवैध कब्जों के खिलाफ लगातार अभियान चलना है। एसडीएम को निर्देश दिए जा चुके हैं। मर चुके लोगों की स्थिति को भी दिखवाया जाएगा।
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आखिर उत्तर प्रदेश में किस कानून से चलता है बुल्डोजर, कौन देता है निर्देश ये हैं पांच भू-माफिया भूत भूमाफिया नाम व पता ——- कब्जे में जमीन हेक्टेयर में
श्रीराम, देहली सुजानपुर ——- 0000 राजेंद्र, देहली सुजानपुर —— 0000 छोटा उर्फ रजोल, टिकरिया —— 0.5000 नरेंद्र उर्फ पिंटू सेंगर, पटेल नगर —— 00000 देवी सहाय, पटेल नगर —— 00000
सरकारी जमीनों पर कब्जों की स्थिति -1874.8128 हेक्टेयर जमीनों पर अवैध कब्जे -1028.1014 हेक्टेयर जमीनों को कब्जा मुक्त कराया गया -846.7114 हेक्टेयर जमीन पर अभी भी अवैध कब्जे -474 जिले के तालाबों पर भी अवैध कब्जे
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पिस्टल और रिवॉल्वर नहीं होते एक, जानिए क्या है अंतर 846 हेक्टेयर पर अवैध कब्जा जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक राजस्व गांवों में करीब 846 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जा है। यही नहीं, लगातार कब्जे हटाने का दावा भी किया जाता रहा है। इसके बावजूद जिले में सिर्फ 72 भूमाफिया होने से साफ है कि कितनी कार्रवाई की जा रही है। सबसे ज्यादा कब्जा बिल्हौर में होने के बावजूद वहां का एक भी माफिया सूची में नहीं है।