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लखनऊ

UP Politics : ब्राह्मणों के साथ ही अब कायस्थों का ‘भूत’ भी योगी के पीछे पड़ा

– लखनऊ में लगे कायस्थों की उपेक्षा के पोस्टर

लखनऊSep 02, 2020 / 05:58 pm

Hariom Dwivedi

ब्राह्मणों के साथ ही अब कायस्थों का 'भूत' भी योगी के पीछे पड़ा

ब्राह्मणों के साथ ही अब कायस्थों का ‘भूत’ भी योगी के पीछे पड़ा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. यूपी में बीते एक महीने से जातिगत राजनीति चरम पर है। विकास दुबे एनकाउंटर के बाद से प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति को लेकर सभी राजनीतिक दल काफी मुखर हुए हैं। बीजेपी इस मुद्दे पर घिरी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ब्राह्मणों की नाराजगी दूर कर पाते इसके पहले कायस्थों ने भी सत्ता और संगठन में अपनी भागीदारी को लेकर पोस्टर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है।
बीजेपी की हाल में ही घोषित नई राज्य कार्यकारिणी में कायस्थ समुदाय को शामिल नहीं करने वाले पोस्टर शहर के मुख्य चौराहों पर लगे हैं। हालांकि, बीजेपी इसे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की साजिश बताते हुए इसे छवि को धूमिल करने का प्रयास करार दे रही है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जनसंघ के समय से पार्टी के लिए वोट कर रहा कायस्थ समुदाय अपने को आहत और निर्वासित महसूस कर रहा है।
बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टी ने जाति और समुदाय के आधार पर कोई पद नहीं दिया। कायस्थ समुदाय के सदस्यों को अपने आप को खारिज नहीं करना चाहिए, क्योंकि पार्टी के पास उनके लिए भी कई योजनाएं हैं। दरअसल शहर भर में जो पोस्टर लगाए गए हैं उनमें कहा गया है, ‘बीजेपी को धन्यवाद। पार्टी के बंधुवा मतदाता कायस्थ समाज को कोई स्थान ना देने के लिए’।
कार्यकारिणी में एक भी कायस्थ नहीं
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पिछले सप्ताह 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी का नेतृत्व करने के लिए 42 पदाधिकारियों को शामिल करते हुए एक नई कार्यकारिणी की घोषणा की थी। इसमें किसी कायस्थ नेता को नहीं शामिल किया गया। कहा जा रहा है कि पिछली कार्यकारणी में भी कायस्थों को किसी भी पद से वंचित रखा गया था। बाद में समुदाय के नेताओं की ओर से किए गए विरोध के बाद उन्हें नई टीम में उचित प्रतिनिधित्व मिलने का आश्वासन दिया गया। लेकिन इस बार भी उन्हें पार्टी नेतृत्व ने किसी भी पद से वंचित कर दिया।
कोई महापौर और एमएलसी नहीं
यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भले ही सभी समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के ही एक कायस्थ नेता ने कहा कि बीजेपी के पास कोई कायस्थ महापौर या एमएलसी नहीं है और न ही समुदाय से किसी कायस्थ को राज्यसभा में भेजा गया और न ही कहीं का राज्यपाल बनाया गया। बावजूद, समुदाय हर समय बीजेपी के साथ खड़ा रहा है।
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