एफआईआर संख्या 333/2014 धारा 270, 336, 403, 413, 414, 420, 467, 468, 511 आईपीसी व धारा 19, द ट्रांस्प्लानटेशन ऑफ़ ह्यूमन ओर्गंस एक्ट 1994 में अमिताभ ने बताया था कि नोयडा के प्रतीक जैन ने उन्हें फेसबुक पर एक सन्देश भेजा था कि उन्हें अनुराग जोशी नामक व्यक्ति फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क कर रहा था इसके लिए करीब 3.5-4 लाख रुपये दे रहा था. अमिताभ ने उस आदमी से फोन पर बात की तो उसने कहा कि उन्हें किडनी के लिए करीब तीन लाख रुपये मिलेंगे. उसने बताया कि अमिताभ को इसके लिए पुणे आना पड़ेगा और वहां से ईरान जाना पड़ेगा.
क्राइम ब्रांच, लखनऊ पुलिस ने यह कहते हुए विवेचना समाप्त कर दी कि प्रकरण में वास्तव में किडनी की खरीद-बिक्री नहीं हुई थी, अतः कोई अपराध घटित नहीं हुआ.