लोकसभा चुनाव 2019 से पहले यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार एक बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों की मानें तो सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी में हैं। सरकार जिला स्तर पर इसके लिए सर्वे कर रही है। सर्वे का मकसद उन किसानों की पहचान करना है जो पिछली बार कर्ज माफी का लाभ उठाने से वंचित रह गए थे। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ भी किया था।
चुनाव में लाभ भी मिलेगा
रिपोर्ट के मुताबिक उस समय कई किसानों को आंशिक कर्जमाफी ही मिल पाई थी। कई किसान तकनीकी गड़बडिय़ों की वजह से इसका लाभ भी नहीं उठा पाए थे। सरकार सर्वे के द्वारा ऐसे किसानों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। अगर यूपी सरकार इस कदम को अमली जामा पहनाती है तो लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को लुभाने की कोशिश में इसे बड़ी कवायद के तौर पर देखा जाएगा और निश्चित तौर पर इसका भाजपा को चुनाव में लाभ भी मिलेगा।
यूपी में 2017 में भाजपा की सरकार बनते ही योगी कैबिनेट ने सीमांत किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था। सरकार ने इसके लिए 32 हजार करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी। किसानों की कर्ज माफी एक बार फिर से चर्चा में तब आई जब दिसबंर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस ने इन राज्यों में चुनाव के दौरान किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था और यहां कांग्रेस सरकारों ने सरकार बनाते ही सबसे पहला काम किया अपना वादा पूरा करते हुए किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की।
किसानों की कर्ज माफी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने जो कहा है वो कर दिखाया है। कहा था कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। राहुल ने यह कह बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया कि अगर मोदी कर्ज माफ नहीं करते हैं तो वह 2019 में सत्ता में आने के बाद किसानों को कर्ज माफी की सौगात देंगे। राहुल ने कहा था, मोदी जब तक देश के किसानों का कर्ज माफ नहीं करेंगे, तब तक हम उन पर इतना दबाव डालेंगे कि उन्हें सोने नहीं देंगे और कर्ज माफ करवाकर रहेंगे।