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लखनऊ

शौर्य दिवस के मौके पर जानें क्या है कृष्ण जन्मभूमि विवाद, औरंगजेब ने बनवाई थी शाही ईदगाह, लूटा था सोना

अयोध्या के बाद अब मथुरा का कृष्ण जन्म भूमि मंदिर संवेदनशील बना हुआ है। हिंदू संगठन द्वारा मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में मंदिर परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद पर जल चढ़ाने के ऐलान के बाद तनाव उत्पन्न होने की स्थिति है।

लखनऊDec 06, 2021 / 10:03 am

Prashant Mishra

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लखनऊ. अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस को 29 वर्ष पूरे हो गए हैं। 6 दिसंबर को हिंदू संगठन शौर्य दिवस के तौर पर मनाते हैं। आज 6 दिसंबर को शौर्य दिवस के मौके पर हिंदू संगठन ने ऐलान किया था कि मथुरा में कृष्ण जन्म मंदिर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद पर जलाभिषेक करेंगे। इसको लेकर पुलिस सतर्क है।
अयोध्या के बाद अब मथुरा का कृष्ण जन्म भूमि मंदिर संवेदनशील बना हुआ है। हिंदू संगठन द्वारा मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में मंदिर परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद पर जल चढ़ाने के ऐलान के बाद तनाव उत्पन्न होने की स्थिति है।
समझौते को बताया अवैध

आज हम आपको शौर्य दिवस के मौके पर ये बताने जा रहे हैं कि आखिर कृष्ण जन्म भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर क्या विवाद है। मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बनी ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि परिसर से हटाने की मांग की जाती रही है। इसको लेकर मथुरा शिविर न्यायालय में याचिका भी दाखिल की गई है। इससे पहले लगभग 5 दशक पूर्व कृष्ण जन्म भूमि की देखभाल करने वाली श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा समिति व शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते को अवैध करार देते हुए एडवोकेट विष्णु शंकर में 25 दिसंबर 2020 में मथुरा के न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। अधिवक्ता ने इस समझौते को अवैध करार देते हुए हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाला बताया था व मांग की थी परिसर से ईदगाह को हटाकर भूमि मंदिर ट्रस्ट को दे दी जाए।
ये किया गया दावा

अधिवक्ता ने अपने द्वारा दायर की गई याचिका में कृष्ण जन्म भूमि को लेकर तमाम दावे किए थे। अधिवक्ता ने शाही ईदगाह मस्जिद को परिसर से हटाकर भूमि को मंदिर में शामिल करने की बात कही थी। अपनी अपील में अधिवक्ता ने यह आरोप लगाए थे कि शाही ईदगाह मस्जिद को जबरदस्ती मंदिर परिसर में स्थापित किया गया, जिसे हटा देना चाहिए। अधिवक्ता की ओर से दावा किया गया है भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण की जन्म स्थली उसी जगह पर स्थित है जहां पर शाही ईदगाह का निर्माण किया गया है या पूरी तरह से गलत है जिसे मंदिर के हवाले कर देना चाहिए
ये हैं आरोप

अधिवक्ता ने कहा है मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 भगवान के भव्य मंदिर को तोड़ने का काम किया था मंदिर को तोड़ कर औरंगजेब ने वहां पर ईदगाह का निर्माण करवाया था। इस दौरान मंदिर का सोना भी लूटा गया था।
कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में बन रहा राम मंदिर

आपको बताते चलें 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस हुआ था। जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की अनुमति दे दी वहीं मुस्लिम पक्षकारों को दूसरी जगह भूमि देने का फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू समाज के लोगों में काफी उत्साह है वहीं मुस्लिम समाज में कुछ पक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बता रहे हैं तो कुछ में विरोध है। धार्मिक नगरी अयोध्या, मथुरा, वाराणसी में किसी तरह की अव्यवस्था न होने पाए इसको लेकर पुलिस सतर्क है। अयोध्या मथुरा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्षेत्रों को रेड, येलो व ग्रीन जोन में बांटा गया है। ड्रोन कैमरे से संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रहे हैं।

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