लाल बिहारी और इनका केस लड़ रहे हाइकोर्ट के अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल ने जीवित मृतक व धोखाधड़ी भ्रष्टाचार निवारण आयोग के गठन के सम्बंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें गरीबों को मृत दिखाकर जमीन हड़पने के चल रहे दर्जनों मामलों की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इन मामलों की जांच के लिए एक आयोग गठित करने का आश्वासन दिया है, ताकि गरीबों को न्याय मिल सके।
बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक लाल बिहारी मृतक पर एक फिल्म भी बना रहे हैं जो इस तरह के गरीब व्यक्तियों की कहानी पर आधारित है। इस फिल्म का नाम ‘कागज’ है, पहले जिसका नाम ‘मैं जिंदा हू’ रखा गया था। फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो गई है।
फरवरी 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया था कि लाल बिहारी ‘मृतक’ को उसी वक्त से मुआवजा क्यों नहीं दिया जाना चाहिए जब उसे मृतक घोषित किया गया था। गौरतलब है कि लाल बिहारी ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए खुद को 18 साल तक मृतक घोषित करने पर सरकार से मुआवजा दिलवाने की मांग की थी।
कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान उन्हें ‘लाल बिहारी मृतक हाजिर हों’ कहकर ही पुकारा जाता था। उसके बाद उन्होंने अपने नाम के आगे मृतक शब्द जोड़ लिया और ऐसे लोगों के लिए संस्था बनाई, जो जिंदा होते हुए भी राजस्व रेकॉर्ड में मृत घोषित किए जा चुके हैं। उनकी संस्था का नाम मृतक संघ है।