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लखनऊ

जीवित मृतकों के बारे में पता लगाने के लिए गठित होगा आयोग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी मृतक

लखनऊOct 23, 2019 / 03:10 pm

Hariom Dwivedi

जीवित मृतकों के बारे में पता लगाने के लिए गठित होगा आयोग

लाल बिहारी और इनका केस लड़ रहे हाइकोर्ट के अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल ने जीवित मृतक व धोखाधड़ी भ्रष्टाचार निवारण आयोग के गठन के सम्बंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर धोखाधड़ी से भू-राजस्व अभिलेखों में नाम परिवर्तित कर उनकी संपत्तियों को हड़पने के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामलों का पता लगाने के लिए एक आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी मृतक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद दी।
उत्तर प्रदेश में जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर गरीबों, अनपढ़ों, नि:संतानों की जमीनों को कानूनी रूप से हड़प लेने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस तरह के कई मुकदमे भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न कोर्ट में चल रहे हैं, जिनमें जीवित व्यक्तियों को मृत दिखाकर उनकी संपत्तियां हड़प ली गईं। उनमें से मृतक संघ के अध्यक्ष लाल बिहारी भी एक हैं। आजमगढ़ के रहने वाले लाल बिहारी को 44 साल पहले जिंदा से मुर्दा घोषित कर दिया गया और सरकारी अभिलेखों में उन्हें मृत दिखाकर जमीनें हड़प ली गईं। 1976 से लेकर 1994 तक लाल बिहारी ने खुद को जीवित होने का साक्ष्य एकत्र करने में लगा दिया। इस तरह 18 सालों बाद वह फिर से जिंदा हो पाये। लेकिन, अभी उनकी लड़ाई पूरी नहीं हो पाई है। लाल बिहारी मृतक की कहानी अजीबो-गरीब है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचने के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है।
जीवित मृतकों के बारे में पता लगाने के लिए गठित होगा आयोग
मुख्यमंत्री से मिला यह आश्वासन
लाल बिहारी और इनका केस लड़ रहे हाइकोर्ट के अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल ने जीवित मृतक व धोखाधड़ी भ्रष्टाचार निवारण आयोग के गठन के सम्बंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें गरीबों को मृत दिखाकर जमीन हड़पने के चल रहे दर्जनों मामलों की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इन मामलों की जांच के लिए एक आयोग गठित करने का आश्वासन दिया है, ताकि गरीबों को न्याय मिल सके।
लाल बिहारी पर बन रही फिल्म
बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक लाल बिहारी मृतक पर एक फिल्म भी बना रहे हैं जो इस तरह के गरीब व्यक्तियों की कहानी पर आधारित है। इस फिल्म का नाम ‘कागज’ है, पहले जिसका नाम ‘मैं जिंदा हू’ रखा गया था। फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो गई है।
जीवित मृतकों के बारे में पता लगाने के लिए गठित होगा आयोग
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था यह सवाल
फरवरी 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया था कि लाल बिहारी ‘मृतक’ को उसी वक्त से मुआवजा क्यों नहीं दिया जाना चाहिए जब उसे मृतक घोषित किया गया था। गौरतलब है कि लाल बिहारी ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए खुद को 18 साल तक मृतक घोषित करने पर सरकार से मुआवजा दिलवाने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान बुलाया जाता है ‘लाल बिहारी मृतक हाजिर हों’
कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान उन्हें ‘लाल बिहारी मृतक हाजिर हों’ कहकर ही पुकारा जाता था। उसके बाद उन्होंने अपने नाम के आगे मृतक शब्द जोड़ लिया और ऐसे लोगों के लिए संस्था बनाई, जो जिंदा होते हुए भी राजस्व रेकॉर्ड में मृत घोषित किए जा चुके हैं। उनकी संस्था का नाम मृतक संघ है।
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