आरोपितों में विधायक चंद्रकांता मेघवाल, उनके पति नरेन्द्र, आईपीएस चूनाराम जाट, थानाधिकारी श्रीराम बड़सरा समेत अन्य पुलिसकर्मी व भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं। रामगंजमंडी विधायक चंद्रकांता मेघवाल की ओर से दी गई रिपोर्ट पर आईपीएस चूनाराम जाट, थानाधिकारी श्रीराम बड़सरा और अन्य पुलिसकर्मी देवेन्द्र शर्मा, ईश्वर व अशोक शर्मा समेत अन्य के खिलाफ मारपीट, छेड़छाड़ और धारा 3 में तथा नरेन्द्र मेघवाल की ओर से दी गई रिपोर्ट पर चूनाराम जाट व श्रीराम बड़सरा के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया है।
एक अन्य रिपोर्ट भाजपा मंडल अध्यक्ष बाबूलाल रेनवाल की ओर से दी गई जिस पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। विधायक चंद्रकांता ने रिपोर्ट में कहा कि पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं को जबरन थाने में बंद कर दिया था। इस संबंध में वे थाने में पुलिस अधिकारियों से बात करने गई थी।
वहां सीआई श्रीराम व चूनाराम जाट ने उसने अभद्रता की। उन्हें बेइज्जत किया गया। उनके साथ अन्य पुलिस कर्मियों ने धक्का देकर उन्हें नीचे गिरा दिया। उनके पति नरेन्द्र के साथ भीे पुलिसकर्मियों ने मारपीट की।
रास्ता जाम, राजकार्य में बाधा व छेड़छाड़ का मुकदमा इधर, थानाधिकारी श्रीराम बड़सरा की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा कि वे और आईपीएस चूनाराम जाट थाने में काम कर रहे थे। इसी दौरान विधायक अपने पति व अन्य कार्यकर्ताओं के साथ आई। आते ही ये लोग पकड़े गए कार्यकर्ताओं को छोड़ने के लिए दबाव बनाने लगे।
इसी दौरान नरेन्द्र व अमित ने चिल्लाते हुए उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। चूनाराम जाट के साथ भी अभद्रता की। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने चंद्रकाता मेघवाल, नरेन्द्र मेघवाल, अमित दाधीच, मृगेन्न सिंह, सुरेन्द्र कुमार, अमित शर्मा, सत्य नारायण, बाबूलाल रेनवाल व किशोर सिंह के खिलाफ मारपीट व राजकार्य में बाधा मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं उप निरीक्षक कुसुमलता की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा कि शाम को अमित दाधीच समेत कई कार्यकर्ता आए। आते ही कहने लगे कि हैड कांस्टेबल विजय सिंह कहां है। उसकी हिम्मत कैसे हुई हमारे कार्यकर्ता का चालान बनाने की।
मैंने सिद्धांत शर्मा का गिरेबान पकड़ रखा है। विजय सिंह को बाहर निकालो, उसे लाइन हाजिर करो। यह कहते हुए उन्होंने धक्का देकर उसे गिरा दिया। उसके साथ अभद्रता की और जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया।
इस रिपोर्ट पर पुलिस ने अमित दाधीच, हेमराज नागर, देशराज मेहरा, देव किशन गुर्जर व ओम नागर समेत कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ रास्ता जाम करने, राजकार्य में बाधा पहुंचाने, छेड़छाड़ व धारा 3 में मुकदमा दर्ज किया।