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लखनऊ

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त, अपराधियों पर लगी लगाम

अपराधों पर पूर्ण नियन्त्रण से प्रदेश में विकास का माहौल बना है

लखनऊJul 16, 2019 / 10:06 pm

Anil Ankur

up police

UP police


लखनऊ.उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुदृढ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना पैदा करना और अपराधियों के अन्दर कानून के भय का वातावरण व्याप्त करना उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख नीति है। इसके कारण लोगों में सुरक्षा की भावना का व्यापक संचार हुआ है। वैश्विक आतंकवाद, नक्सलवाद के इस दौर में प्रदेश पुलिस को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। विषम परिस्थितियों में भी प्रदेश पुलिस नेे अपने सीमित संसाधनों, कठोर परिश्रम, अनुशासन एवं कर्तव्यनिष्ठा से नक्सलियों, आतंकवादियो, असामाजिक एव समाज विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर सतत् प्रभावी नियंत्रण कायम रखा है।

प्रदेश की जनता को एक सुरक्षित परिवेश प्रदान कर साम्प्रदायिक एवं जातिगत सौहार्द्र्र कायम रखा गया हैं। सम्पूर्ण प्रदेश दंगा मुक्त रहा है। संगठित एवं पेशेवर अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही से अपराधियों ने अपनी जमानत तुड़वाकर जेल का रूख किया है। अपराधों पर पूर्ण नियन्त्रण से प्रदेश में विकास का माहौल बना है। कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई है, सभी प्रमुख त्यौहार, मेले आदि सकुशल सम्पन्न हुए हैं। सोशल मीडिया की सक्रियता से भी अपराधों पर नियंत्रण लगा है तथा पुलिस की छवि उज्जवल हुई है।

उत्तर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की अपराधियों के विरूद्ध जीरो टालरेन्स की नीति के तहत प्रदेश पुलिस की प्रभावी एवं त्वरित कार्यवाही का ही परिणाम है कि प्रदेश में 20 मार्च 2017 से 15 मई 2019 तक कुल 15,170 अपराधी न्यायालय में आत्मसमर्पण कर अथवा स्वयं जमानत निरस्त कराकर जेल चले गये है। पुलिस व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर उसमें सुधार के सुझाव देने एवं पुलिस के आधुनिकीकरण एवं सुदृढीकरण हेतु शासन द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढीकरण आयोग का गठन किया गया है।

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 27 मई 2019 तक पुलिस व अपराधियों के बीच विभिन्न अवसरों पर कुल 3896 मुठभेड़ हुई जिससे 8904 अपराधी गिरफ्तार किये गये, 1154 घायल हुए, 76 अपराधी पुलिस की आत्मरक्षार्थ कार्यवाही में मारे गये। पुलिस कार्यवाही के दौरान उक्त अवधि से 05 जवान अदभुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए तथा 642 पुलिसकर्मी घायल हुए। एन०एस0ए0 में 406 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही कीे गई है। जून 2017, से मई 2019 तक प्रदेश पुलिस द्वारा फूट पेट्रोलिंग से 1,51,74,034 संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग करते हुए 4,33,383 व्यक्तियों को हिरासत में लेकर 1,69,837 अभियोग पंजीकृत कराये गये तथा संलिप्त 232404 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।
संगठित अपराध के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की प्रतिबद्धता के क्रम में सरकार द्वारा यूपीकोका (उत्तर प्रदेश कन्ट्रोल आॅफ आर्गनाइज्ड क्राइम) बिल विधान मण्डल के दोनों सदनों से पारित कराया गया तथा भारत सरकार को अनुमोदनार्थ प्रेषित किया गया।
वर्ष 2018 मे विगत वर्षों की तुलना में साम्प्रदायिक/तनाव की घटनाओं में 66 प्रतिशत जातिगत तनाव संघर्ष की घटनाओं में 60 प्रतिशत तथा की धर्म परिवर्तन की घटनाओं में लगभग 45 प्रतिशत की कमी आयी है। दिनांक 16.03.2017 से 15.05.2019 तक में वर्ष 2018/17/16 के सापेक्ष वर्ष 2019/18/17 में प्रदेश में डकैती में 25.29 प्रतिशत लूट में 15.24 प्रतिशत, हत्या में 8.42 प्रतिशत रोड-होल्डप में 100 प्रतिशत फिरौती हेतु अपहरण में 10.75 प्रतिशत, बलात्कार की घटनाओं में भी कमी आयी है। अपराधों को शत-प्रतिशत दर्ज करने के लिए जनपदों को सख्त निर्दश दिय गये है तथा इस उद्देश्य से पहली वार पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एफ0आई0आर0 काउण्टर खोले गये हैं। दिनांक 01.01.2019 से 30.04.2019 तक प्रदेश पुलिस द्वारा 1813 दो पहिया व 233 चार पहिया वाहन एवं 54 भारी वाहन बरामद करने में सफलता प्राप्त की गयी है।

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